उरी का आतंकी हमला पकिस्तान के हीजडेपन की कार्यवाही है

चौधरी मुनव्वर सलीम
चौधरी मुनव्वर सलीम
एक माह से अधिक समय से कश्मीर के हिंसक हालात नफरत की बुनियाद पर वजूद में आये मुल्क पकिस्तान के नापाक इरादों की पहचान है | 125 करोड़ भारत वासी कडकडाती ठण्ड में सरहदों की हिफाज़त करने वाले भारत माँ के उन लालों के साथ हैं जो अपने खून से जय हिन्द लिखकर माँ तुझे सलाम का नारा लगाते हैं | कश्मीर के उरी कसबे में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजली मात्र से बात नहीं बनेगी | बल्कि भारत की संसद ने भारत के बड़बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर भाई मोदी को संयुक्त रूप से यह अख्तियार दिया था कि वह दुश्मन देश के इरादों को नाकाम करने के लिए कश्मीरी खित्ते में अमन की ठंडी फ़ज़ा बनाने के लिए बड़े से बड़ा और मज़बूत से मज़बूत फैसला ले, हम लोग दलगत सियासत से ऊपर उठकर देश हित में उनके द्वारा लिए जाने वाले किसी भी सख्त फैसले के साथ हैं | लेकिन अफ़सोस पाकिस्तानी शासकों को मलियाह्बादी आम और बनारस की साड़ी भेजने वाले प्रधानमंत्री ने कोई एसा फैसला नहीं लिया जिसको इतिहासिक कहा जाये |
सलीम ने कहा कि मैंने भारत की राज्यसभा में राष्ट्रपती के अभिभाषण पर बोलते हुए कहा था कि मोदी जी एक कमज़ोर प्राधानमंत्री हैं | मेरा आरोप व्यक्तिगत न होकर उस दर्शन पर आधारित था जिसके चलते अपने शपथ ग्रहण समारोह की खुशियों में पाकिस्तानी वज़ीर ए आज़म को खुसूसी तौर पर शामिल किया गया था | सलीम ने कहा कि मैंने कश्मीर के हालात पर बोलते हुए बाराह कहा है कि खित्ता ए कश्मीर में शैतान शैतानी हरकतों के साथ सीमा पार से दाखिल होता है | अपनी सेना पर आधे से ज़्यादा बजट खर्च करने वाली सरकार निंदा और नारों से बाहर निकल कर कर्मयोगी होने का सबूत देगी तभी देश के हालात सुधर सकेंगे |
मैं अपने शहीद सैनिकों को श्रद्धांजली के साथ एक बार फिर नरेंद्र भाई दमोदर दास मोदी से कहना चाहता हूँ कि अपने अनुयायियों को देश के कमज़ोर लोगों को धमकाने का सबक देने के बजाये पकिस्तान और चीन के खिलाफ कुछ एतिहासिक फैसले सुनाएं |
चौधरी मुनव्वर सलीम ने कहा कि जिस पकिस्तान के विरुद्ध हिन्दोस्तानी मुसलमानों ने 14 अगस्त 1947 को जिन्ना की दावत को ठुकरा कर पाकिस्तानी झंडे को अस्वीकार कर तिरंगे को स्वीकार किया था आज समय आ गया है कि जब सिख रेजिमेंट की भांती तथा चार्ली मुस्लिम कम्पनी के कारगिल पर सफल प्रयोग के बाद सरकार एक मुस्लिम रेजिमेंट बनाये और कश्मीर की सरहदों पर हम मुसलमानों को भी देश रक्षा में पाकिस्तानी शैतान के विरुद्ध खून बहाने का मौक़ा दे |
सलीम ने कहा मैंने भारत की संसद में तमाम दलों के सांसदों को गवाह बना कर कहा था कि जब अजहर मसूद और हाफिज सईद रूपी भारत विरोधी आतंकी हिन्दोस्तानी मुसलमानों के संदर्भ में कोई बयान देते हैं तब हिन्दोस्तानी मुसलामानों के सर शर्म से झुक जाते हैं किन्तु इस सच्चाई को हम जानते हैं कि एक विचार ऐसा भी है जो देश के कमज़ोर लोगों को दहशत में डालने का आदी है लेकिन अज़हर मसूद रूपी आतंकी सरगना को बइज्ज़त कंधार पहुंचाता है | इस विचार के लोगों से मैं अनुरोध करना चाहता हूँ कि भारत को अपनी माँ कहने वाले लोगों को डराने की बजाये भारत माँ पर बुरी नज़र डालने वाले दुश्मनों की आँखें फोड़ने का साहस दिखाने का समय आ गया है | अब देश को एक जुट होकर आतंकी नासूर का इलाज विचारों से,हथियारों से और नारों से करने का प्रण लेना चाहिए |
सलीम ने कहा कि कल दिनांक 20 सितम्बर 2016 को शाम 4 बजे आतंकवादी खब्बीस का पुतला दहन किया जाएगा सभी शहरवासी बड़ा बाज़ार पहुंचकर सारी दुनिया तक विदिशा की एकता का सन्देश पहुंचाएं |

चौधरी मुनव्वर सलीम

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