अजमेर, 9 नवम्बर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अजमेर द्वारा बुधवार को न्यायिक अधिकारियों द्वारा काॅलेजों, पुलिस स्टेशन, वृद्धाश्रमअस्पताल आदि गह पर पर्यावरण सुरक्षा बाल विवाह, दहेज प्रतिषेध, बालश्रम, रैगिंग विरोधी कानूनी, मेंटल हैल्थ एक्ट आदि के बारे में कानूनी जानकारियां दी गई।
प्राधिकरण के पूर्णकालिक सचिव श्री राकेश गोरा ने पुलिस थाना, सिविल लाईन थाने में विधिक साक्षरता कैम्प किया तथा पीड़ित प्रतिकर के तहत थानाधिकारियों द्वारा जारी किए जाने वाले प्रमाण पत्रा की जानकारी दी। इसी प्रकार अन्य उपयोगी कानूनों की जानकारी श्री अंकुर गुप्ता न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या 2 ने दी। रेलवे मजिस्ट्रेट श्री संजय मीणा नयायिक मजिस्ट्रेट श्री आशीष कुमावत एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट ज्योति सिंह ने अजमेर रेलवे स्टेशन पर उपस्थित लोगों को विभिन्न कानूनों की जानकारी दी और लोगों को जागरूक किया। प्रशिक्षु न्यायिक मजिस्ट्रेट सुभ्रा शर्मा तथा श्री संजय सागवानी उपनिदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग अजमेर द्वारा साहिल वृद्धाश्रम जय अम्बे सेवा समिति में विधिक जागरूकता कैम्प का आयोजन कर कानूनी जानकारियां प्रदान की गई तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की योजनाओं से लोगों को जागरूक किया।
उन्होंने बताया कि न्यायिक अधिकारियों की 10 टीमों द्वारा भी अजमेर के वृद्धाश्रम, अस्पताल आदि जगह पर नालसा (नशा पीड़ितों को विधिक सेवाएं एवं नशा उन्मूलन के लिए विधिक सेवाएं) योजना 2015 एवं नालसा (मानसिक रूप से बीमार औश्र मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए विधिक सेवाएं) योजना 2015 बालकों के अधिकार, महिलाओं के अधिकारों के बारे में बताकर लाभान्वित किया। बाल श्रम (प्रति निषेध और विनियमन) अधिनियम 1986, प्रसव-पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिबंध) अधिनियम, 1944 (पीसीपीएनडीटी एक्ट) किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015, बाल विवाह निषेध अधिनियम 20016, विधिक सेवाओं का अधिकार आदि के बारे में बताया गया।