राजस्थान की राजनीति में उभर कर आए दो युवाओं का जयपुर में संगम

संसदीय सचिव शत्रुघ्न गौतम और जयपुर मेयर अशोक लाहोटी की दिलकश़ मुलाक़ात!

एम. इमरान टांक
एम. इमरान टांक
एम. इमरान टांक
दोनों ही युवा और दोनों ने लिख़ा इतिहास़! दोनों के नाम रहा 2016 ! दोनों ही राजनीति में कमाल के कारीगर! एक ने 10 दिसंबर 2016 को राजस्थान की राजनीति में अपने होने, बढ़नें और चमकनें की और ईशारा किया! पहली बार विधानसभा टिकट, पहली बार धमाकेदार जीत और पहली बार में अजमेर में पांच होने के बावजूद छठी लाल बत्ती! ऐसा कभी नहीं हुआ! राजनैतिक जानकार भी दंग है शत्रुघ्न गौतम की काबीलियत, ताल्लुक़ात और तरक्की देखकर! मंत्रिमंडल विस्तार से पहले राजनैतिक जानकाऱ और समझ रख़ने वाले लोगों का अनुभवी आंकलन था कि गऱ विस्तार में अजमेर से लाल बत्ती किसी नए को मिलती है तो किसी पुरानें का जाना निश्चित है! दूसरा पुरानें में से कोई एक गया तो दूसरा भी यकिनन्..? तीसरा! गऱ पुरानें में से भी कोई नहीं गया तो भी अनुभवी को ही प्राथमिकता मिलेगी! लेकिन ना तो पुराने गए और ना ही अनुभवी आए! दिसंबर की 10 तारीख़ ने तो एक युवा पर मुहर लगाई! ऐसी मुहर जिसकी चमक इतिहास में दर्ज होने के साथ राजस्थान की राजनीति का भविष्य बनने की ओर भी कदम बढा गई! 2016 दिसंबर, की दूसरी सनसनी अशोक लाहोटी! उन्होनें कमाल किया! दो दिन में जयपुर के मुख़िया बनने का कमाल! 13 दिसंबर को पूर्व मेयर कमल नाहटा की घर रवानगी और 14 को जयपुर के 9वें मेयर के रूप में तोजपोशी! ऐसा घटनाक्रम कि, एक दिन में पूर्व मेयर नाहटा का इस्तीफा देना, चंद घंटे बाद मंजूर, दूसरे दिन 48 मतों से चुनाव जीतकर तोजपोशी! दो साल पूर्व भी निकाय चुनाव में उनका ही मेयर बनना तय था लेकिन ऐनवक्त निर्मल नाहटा को मेयर बना दिया गया था! इसे बदला या जबरदस्त तैयारी कहें! लेकिन लाहोटी को मेयर बनाने में सरकार की फूर्ति उनके कद को दर्शाती है! दोनों ही (गौतम-लाहोटी) मंगलवार को जयपुर में जब एक मंच पर दिखे तो दोनों की काबीलियत और ताल्लुक़ात की चर्चा फिर फि़जा में गूंजी! दोनों के लिए एक शेर तो बनता है!!
“जोश और उमंगे है हमारी निशानियाँ,
हम सुनते नहीं बनाते हैं कहानियाँ!!
हम हैं आज के युवा, कुछ भी नहीं असंभव,
दिल में जुनून और रग-रग में है रवानियाँ!!

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