मूल: सुदर्शन
1
मनुष्य बूढ़ा हो जाता है
परंतु लोभ बूढ़ा नहीं होता
2
जैसे
सुगंध का प्रसार हवा के रुख का
मोहताज नहीं है !
ऐसे ही
अच्छाई सभी दिशाओं में फैलती है.

1
माण्हू बुढ़ो थी वेंदो आहे
पर लोभु बुढ़ो न थींदो आहे।
मूल: चाणक्य
2
जींअ सुगंध जो फैलाउ हवा जे रुख जो
मोहताज नाहे !
तींअ चंगाई साभिनी दिशाउन में
पखिरजंदी आहे।