फ़िरोज़ खान,बारां
बारां 2 फ़रवरी । संकल्प संस्था व् जाग्रत महिला समिति भंवरगढ़ में रीड इंडिया नई दिल्ली से आयी टीम ने गुरुवार को सहरिया महिलाओं को चरखे से सूत बनाने का तरीका बताया, और आत्मनिर्भर बनकर घर पर ही रहकर इस कार्य को कर अपनी आजीविका चला सकते है । रीड इंडिया नई दिल्ली के प्रोग्राम ऑफिसर कमलेश झा ने बताया कि संकल्प संस्था के सहयोग से शुरुआत में करीब 25-30 महिलाओं को चरखे से सूत बनाने की ट्रैनिंग दी जावेगी । और यह ट्रेनिंग रीड इंडिया के द्वारा दी जावेगी । उन्होंने बताया कि ट्रेनिंग प्राप्त महिलाओं को सूत काटने के लिए शुद्ध कॉटन इनको निःशुल्क उपलब्ध करवाया जावेगा । और महिलाओं के द्वारा जो जो सूत कटा जावेगा उसको इनसे ख़रीदा जावेगा । इससे महिलाये अपने आप में निर्भर बने और अपनी आजीविका चला सके । इस तरह का प्रयोग बारां जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र किशनगंज के भंवरगढ़ व् शाहाबाद के मामोनी में किया जावेगा । अगर इस काम में महिलाओं ने अपनी भागीदारी ज्यादा दिखाई तो इसका विस्तार किया जावेगा । वही उनके साथ आई सोनल बेद ने महिलाओं को चरखा कैसे चलाया जाता है, और इससे सूत को कैसे बनाया जाएं उसके बारे उपस्थित सैंकड़ो महिलाओं को समक्ष बताया गया । और सहरिया महिलाओं ने भी इस काम को ध्यान से सीखा जिसमे चमेली बाई, कांति बाई, कैलाशी बाई,मंजू बाई, भावना, कविता, सुशीला, द्रोपती बाई,बसंती बाई,द्वारक्या बाई ने खुद अपने हाथों से चरखा चलाया और सूत को काटकर धागा बनाकर उपस्थित सभी महिलाओं को दिखाया । वहीँ नई दिल्ली से आयी टीम ने लाइब्रेरी में चल रही बच्चो की गतिविधियों को देखा । और बात भी जिसका बच्चो ने सहज तरीके से जवाब दिया । वहीँ कम्प्यूटर क्लॉस को भी देखा । और उनसे कम्प्यूटर के बारे में जानकारी ली । इसके बाद टीम ने संकल्प संस्था मामोनी में भी पहुंचकर वहाँ उपस्थित महिलाओं को भी चरखा चलाना सिखाया । और वहां चल रही गतिविधियों को देखा । वहीँ इस मौके पर रमेश सेन, चंदालाल भार्गव, गजराज मेहता, मीना प्रजापत,विजय रॉय, ग्यारसी बाई,कल्याणी बाई,जसोदा बाई,कल्ली बाई,राजमल भील,लखन सहरिया,शत्रुधन गोस्वामी, कन्हैया काका सहित आदि थे ।
