इश्क यानि प्यार, मुहब्बत
क्या है प्यार
ये तीन शब्द
आई लव यू
कितना आकर्षण है इनमें
लेकिन सिर्फ कह देने भर से किसी से
प्यार नही हो जाता
सच्चा प्यार सिर्फ महसूस किया जा सकता है
प्यार शब्दों का मोहताज़ नही है
किसी का हो जाना और किसी को अपना बना लेना
बिना किसी शर्त के उसकी हर कमी
स्वीकार कर लेना
उसके जिस्म को नही बल्कि रूह तक को अपने प्यार से सरोबार कर देना
बिना कहे उसके दिल की आवाज सुन लेना सच्चा प्यार है
उसके चेहरे पर ख़ुशी की एक झलक के लिए कुछ भी कर गुज़रना
उसकी खुशी में अपनी खुशियां ढूँढना
ख़ुशी के हर लम्हे को साथ जीना
दुःख में भी एक दूसरे का हाथ पकड़ कर चलना
चुप रह कर भी बहुत कुछ कह देना
कभी रूठना तो कभी मनाना
उसके नैनो की भाषा को समझना
कभी डाँटना तो कभी प्यार से सहलाना
कभी एक दूसरे के प्यार में खो जाना
डूब जाना एक दूसरे की आँखों
बोलकर जाहिर नही किया जाता सच्चा प्यार
ये तो सिर्फ महसूस किया जा सकता है
नैनो की मूक भाषा सब बयां कर देती है
बस यही है सच्चा इश्क, प्यार मोह्हबत…
नैना बरसते है जिस के इंतज़ार मे…
दिल भी धड़कता है उसी के प्यार में…
होता है उसी से रूहानी इश्क यारा…
गुज़री उम्र जिससे इश्क ए इज़हार में…
रश्मि डी जैन
महासचिव,आगमन साहित्यक समहू
नई दिल्ली