डिस्कॉम एमडी मेहाराम विश्नोई का बयान जनता को भ्रमित करने वाला

विजय जैन
विजय जैन
अजमेर 19 फरवरी। शहर की बिजली व्यवस्था को फ्रेंचाइजी पर दिए जाने के सर्मथन में डिस्कॉम एमडी मेहाराम विश्नोई के बयान को शहर कांग्रेस ने जनता को भ्रमित करने वाला बताते हुऐ चेतावनी दी कि डिस्काॅम 20 फरवरी को टेंडर का ख्याल भी दिल से निकाल दे। डिसकाॅम इस ठेके के बाद आने वालें दुष्परिणामों के लिये तैयार रहे। जनता ने ऐतिहासिक अजमेर बंद करके हुंकार भर ली है कि वह अपने अधिकारों के प्रति सजग है।
रवीवार को जारी ब्यान में कांग्रेस के अध्यक्ष विजय जैन ने कहा कि अजमेर विद्युत वितरण निगम के एमडी मेहाराम विश्नोई गलत आंकड़े पेष कर जिस प्रकार बिजली की फेंचाईजी के सर्मथन मे सरकार के पिठठू की तरह सामने आऐं हैं उन्हे अजमेर की जनता से मांफी मांगनी चाहिये। उन्होने कहा कि विभाग के प्रमुख होने हैसियत से विष्नोई को जनता मे सही जानकारी देनी चाहिये ना कि सरकार की चापलूसी मे गलत ब्यान बाजी करके। जैन ने कहा कि विष्नोई ने फ्रेंचाईजी के जो फायदे गिनाऐं वे खुद ही बताऐ की प्रायवेट कम्पनी 20 सालों तक क्या अजमेर की जनता की सेवा करने आऐगी।
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि विभाग के मुख्य सलाहकार आर.जी. गुप्ता सीएमडी श्रीमत पाण्डे, संजय मलहोत्रा से लेकर डिप्डी चीफ इन्जीनीयर वी.एस. भाटी तक के अधिकारियों की फेंन्चाईजी लेने वाली कम्पनी से करोड़ों की डील है और प्रबंध निदेषक अजमेर महिराम विष्नोई इसमे प्रमुख भूमिका है इसलिये वे गलत आंकड़े पेष करके ठेका प्रथा लगु करने का रास्ता साफ करना चाहते हैं।
उन्होने कहा कि डिस्काॅम के एम.डी विष्नोई ने अजमेर की छीजत का गलत आंकड़ा पेष करते हुऐ शहर की छीजत 17.69 प्रतिषत से भी अधिक बताया है जो कि बिजली व्यवस्था को ठेके पर देने के नियम मे आता है। जैन का आरोप है कि अजमेर में इतनी छीजत है ही नहीं जितनी डिस्काॅम के एम.डी. बताकर भ्रम फैला रहे है। उनके विभाग के अधिकृत आंकड़ों के मुताबिक अजमेर के सिटी डिवीजन प्रथम एवं द्वितीय में अभी तक औसतन टी.एन्ड.डी. लाॅसेस 13.48 प्रतिषत है और बिते वर्ष मे यह हानी मात्र 13.26 प्रतिषत थी विष्नाई गलत ब्यान बाजी इस लिये कर रहे है कि टी.एन्ड.डी लाॅसेस ज्यादा बताकर ठेका आसानी से दे दिया जा सके। जबकि पावर फाईनेन्स काॅरर्पोषन के प्रावधान यह कहते है कि न्यून्तम 15 प्रतिषत या इससे अधिक टी.एन्ड.डी लाॅसेस होने पर ही बिजली वितरण का कार्य निजी कम्पनियों को ठेके पर दिया जा सकता है।
जैन ने कहा कि अजमेर शहर में व्यापक रूप से भूमिगत केबल बिछाने का कार्य किया गया है। जिस पर लगभग 150 करोड़ रूपये सरकार द्वारा खर्च किये है जिससे बिजली चैरी और छीजत का आंकड़ा अब नही के बराबर हो जाऐगा इस आधारभूत संरचना का उपयोग निजी कम्पनियों लाभ अर्जित करने में करेगी। उन्होने कहा कि एम.डी. ने कहा है कि निजी कम्पनी को बिजली की दरें बढ़ाने का अधिकार नही होगा। डिस्काॅम के एमडी को यह जानकारी भलीभांति होनी चाहिये कि दरें बढ़ाने का अधिकार तो निगम को भी नहीं है लैकिन विद्युत नियामक आयोग राजस्थान के समक्ष वितरणकर्ता एजेन्सी के हर तीन माह में बिजली की किमतो में वृद्धि किये जाने हेतु प्रस्ताव पेष करने का सूस्थापित नियम है।
जैन के अनुसार इस सम्भावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता कि फ्रन्चाईजी लेने वाली निजी फर्म द्वारा उक्त नियम का दुरूपयोग करते हुये हर तीन माह में आयोग पर दबाव डालकर बिजली की दरों में अप्रत्याषित बढ़ोतरी करवाई जाकर जनता को आर्थिक नुकसान पहंुचाया जायेगा उन्होने कहा कि विष्नोई को सरकार के दबाव में दी गई गलत जानकारी के लिये अजमेर की जनता से माफी मांगकर स्पष्टीकरण देना चाहिये। और अजमेर की बिजली निजी हाथों मे सौंपने के टेंडर वापस लेने की घोषणा करके डिस्काॅम और निजी कम्पनी को भविष्य मे होने वाले इसके दुष्परिणामों को ध्यान में रखना चाहिये।

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