बीकानेर 5/4/17। भगवान श्रीराम का जन्म पुष्य नक्षत्र, कर्क लग्न में हुआ और उस वक्त लग्न में उच्च का गुरु के साथ स्वराशि में चंद्रमा था…. । कुछ ऐसे ही अंदाज में पंडितजी ज्यों-ज्यों श्रीराम की कुंडली का वाचन कर रहे थे, त्यों-त्यों मौजूद श्रद्धालुओं की जन्मपत्रिका के बारे में जानने की उत्सुकता बढ़ती जा रही थी। इसके साथ ही श्रीराम जन्म महोत्सव आयोजन स्थल जयश्री राम के उद्घोष से गूंज रहे थे। दोपहर में हुए इस अनुष्ठान से पहले श्रीरामनवमी पर पुष्टिमार्गी मंदिरों सहित अन्य मंदिरों में अभिषेक कर सजे श्रीरामदरबार के सम्मुख रामचरित मानस और सुंदरकांड के पाठ किए गए। महाआरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने सहभागिता निभाई। श्रीराम जन्म पर उनकी जन्म कुंडली का वाचन करने की परम्परा का निर्वहन तेलीवाड़ा स्थित मंदिर में पंडित गिरधारी शास़्त्री ने और राजरतन बिहारी मंदिर में पुजारी पारीक जी के सान्निध्य में पंडित गोविन्द व्यास ने किया। पुष्करणा स्टेडियम के पीछे रघुनाथ मंदिर, तुलसी कुटीर मंे रामचरित मानस पाठ एवं सुंदरकांड पाठ किए गए और श्रद्धालुओं ने कीर्तन में ‘‘श्रीराम करो कुछ ऐसा जग उजियारा रहे…’’ जैसे अनेकानेक भजन गुंजाए। पुजारी व्यासजी के अनुसार दाऊजी, गोपालजी बड़ा और छोटा, रुघनाथजी आदि पुष्टिमार्गी सभी नौ मंदिरों में रामनवमी पर उत्सव आयोजित किए गए। तुलसी कुटीर में रामचरित मानस, सुंदरकांड पाठ के अलावा सत्संग-कीर्तन किया गया। बड़ा हनुमानजी मंदिर, जूनागढ़ के सामने अंजनि माता व हनुमानजी मंदिर, पंचशति सर्किल पर ग्रेज्यूएट हनुमानजी मंदिर, रांगड़ी चौक में करंट बालाजी आदि मंदिरों को रंगबिरंगी रोशनी और फूलों से सजाया गया। विभिन्न अनुष्ठान किए गए। श्रद्धालुओं ने जयश्री राम के उद्घोष से वातावरण राममय बना दिया।
बैंड-बाजे के साथ निकली बारातें:-
रामनवमी पर कई जोड़े परिणय-सूत्र में बंधे। प्रतिष्ठानों का उद्घाटन, गृह प्रवेश आदि शुभाशुभ अनेकानेक कार्य संपन्न हुए। शाम को बीकानेर में पहली बार श्री मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज के राज्य स्तरीय सामूहिक विवाह समारोह में एक साथ निकली कई बारातों को देखा और समाज को सराहा। विवाह समारोह आयोजन स्थल रेलवे स्टेडियम में बैंड-बाजे के साथ पहुंची बारातों का स्वागत मंत्रों की गूंज के बीच किया गया।