नई दिल्ली 29 अप्रैल सुशील डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (ैक्च्प्) ने श्आतंक की राजनीति के खिलाफ एकजुट होंश् के नारे के तहत पिछले 8 अप्रैल को बेंगलूर से देशव्यापी अभियान शुरू किया था। इस अभियान के माध्यम से पार्टी ने केंद्र सरकार की कई जनविरोधी और संविधान विरोधी कदम के विरोध में राष्ट्रव्यापी अभियान के माध्यम से जनता में इस बात की जागरूकता की गई कि किस तरह केंद्र सरकार अपने राजनीतिक हितों के लिए समाज की शांति और सद्भाव तबाह कर रही है। एक महीने के लंबे अभियान के समापन कार्यक्रम के रूप में 29 अप्रैल को जंतर-मंतर, नई दिल्ली में एक दिवसीय विरोध धरने का आयोजन किया गया। जिसमें देश के प्रसिद्ध राजनीतिक व सामाजिक नेताओं और सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग करके बड़ी संख्या में एकत्र पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता को संबोधित किया।
एसडी पीआई राष्ट्रीय महासचिव इलियास मोहम्मद थुम्बे ने धरने में आए हुए अतिथियों और प्रतिनिधियों का स्वागत किया। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि गाय की रक्षा के बहाने तथाकथित गौरक्षक बेरोकटोक निर्दोष गरीब मुसलमानों और दलितों को प्रताड़ित करने में लगे है साम्प्रदायिक तत्वों के द्वारा मुस्लिमों, दलितों के दमन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मूकदर्शक बने देख रहे हैं । उन्होंने गौरक्षकों को राक्षस की उपमा देते हुए कहा कि वे गौरक्षा नाम पर इंसानों की हत्या कर रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन एसडीपीआई के राष्ट्रीय कोआर्डीनटर डॉक्टर निजामुद्दीन ने की।
एसडी पी आई राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एडोकेट शरफुद्दीन अहमद ने अपने संबोधन में कहा कि समय की मांग है कि हम केंद्र सरकार की फासीवादी प्रणाली को फैलने से रोकने के लिए देश की एकता और अखंडता की सुरक्षा करने के लिए जनता को आगे आना चाहिए। जबसे वर्तमान केंद्र सरकार सत्ता में आई है देश में अराजकता का माहौल पैदा हुआ है। उन्होंने देश भर में जारी सांप्रदायिक हिंसा में मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार की कड़ी आलोचना की। साथ ही उन्होंने पुलिस एवं प्रशासन की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि हिंसा फैलाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय पुलिस उल्टा पीड़ितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके उन्हें परेशान करने का काम कर रही है।
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष इ. अबूबकर ने अपने संबोधन में एसडीपीआई के इस आंदोलन की प्रशंसा करते हुए कहा कि पार्टी का उक्त आन्दोलन आतंक की राजनीति के खिलाफ एकजुट हों, अंत नहीं शुरुआत है। ई. अबूबकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ परिवार जिन्होंने इस देश की स्वतंत्रता आंदोलन में भाग नहीं लिया था वह अपने आप को श्देश प्रेमीश् और अल्पसंख्यक वर्गों और उनके नेता जब सरकार के जनविरोधी और संविधान विरोधी सरगर्मियों पर आवाज उठाते हैं उन्हें श्गद्दार वतनश् कहा जाता है। उन्होंने इस बात की ओर विशेष संकेत करते हुए कहा कि एसडीपीआई इस देश में एक नया इतिहास रचेगी।
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आ एफ इंडिया (ैक्च्प्) ने श्आतंकवाद की राजनीति के खिलाफ एकजुट होंश् के नारे के तहत पिछले 8 अप्रैल को बेंगलूर से देशव्यापी अभियान शुरू किया था। इस अभियान के माध्यम से एसडी पी आई जनता के प्रति केंद्र सरकार के विभिन्न इव्वा म विरोधी, किसान विरोधी और गरीब विरोधी नीतियों, कॉर्पोरेट समर्थक नीतियों के संबंध में सार्वजनिक जागरूकता पैदा करने के साथ साम्प्रदायिक घृणा के माध्यम से और अपने राजनीतिक लाभ के लिए समाज की शांति और सद्भाव बिगाड़ ने वाली केंद्र सरकार को जनता के सामने उजागर कर रही है।
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष ए सईद ने जंतर-मंतर पर विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि देश संकुचित मानसिकता वालों के हाथों में चला गया है। देश के कई क्षेत्रों में हो रहे सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओ से फैले डर और असुरक्षा व असहिष्णुता का वातावरण है। ऐसा लग रहा है कि संस्कृति, आस्था और गाय के नाम पर हिंसा करने वाले और अपराध करने वाले अपराधियों के खिलाफ कानून के रखवाले चुप हैं।
उन्होंने जनता की संवैधानिक जिम्मेदारियों पर जोर देते हुए कहा कि जनता को इस बात को समझना है कि राजनीति केवल वोट डालने की प्रक्रिया तक सीमित नहीं है बल्कि वह लोकतांत्रिक गतिविधियों के माध्यम से अपने अधिकारों की रक्षा करें। उन्होंने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड, बाबरी मस्जिद, राम मन्दिर विवाद, तीन तलाक और अन्य धोखा देने वाली राजनीतिक हथकण्डों के माध्यम से मुसलमानों पर अत्यधिक दबाव डालकर और देश के अन्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया से वंचित रखकर मुसलमानों को केवल वोट बैंक तक सीमित रख कर उनका शोषण कर रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ए सईद ने कहा कि सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया एक ऐसे सामाजिक व्यवस्था स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे जनता को न्याय, सुरक्षा और अधिकार प्राप्त हो।
ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस मुशावरत के अध्यक्ष नवीद हामिद ने कहा कि संघ परिवार के नेतृत्व में लोकतंत्र को कुचलने और कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। हम सब एकजुट होकर फासीवादी ताकतों के नापाक इरादों को मात देना है और हमारे देश को उनके शिकंजे से बचाने के लिए आगे आना चाहिए।
विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा कि न्याय प्रत्येक व्यक्ति का अधिकार है और दुर्भाग्यवश देश के अल्पसंख्यकों को न्याय से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने इस बात की ओर विशेष संकेत करते हुए कहा कि हमवतन होने के बावजूद मोहन भागवत गलत रास्ते पर हैं और हम सही रास्ते पर हैं। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि देश की अखंडता को बनाए रखने के लिए हम सभी को एकजुट होने की जरूरत है।
आरपीआई संयोजक अशोक भारती ने अपने भाषण में कहा कि हमारे देश के लोकतंत्र को बहाल करने के लिए दलित और मुसलमानों का एकजुट होना बहुत आवश्यक है।
डॉक्टर जफर उल खान ने कांग्रेस पार्टी पर तनकीद करते हुए कहा कि उनकी शासनकाल में देश में हिंसा और दंगों पैदा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते तो आज नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं गुजरात नरसंहार मामले में जेल की सजा काट रहे होते। भाजपा 31 प्रतिशत वोट हासिल करके भी देश में चुनाव जीतती आ रही है। शेष 69 प्रतिशत जनता जब तक एकजुट होकर भाजपा विचारधारा की कड़ी विरोध नहीं करेंगे जब तक वे राजनीतिक रूप से सफल नहीं होंगे।
लोकराज संगठन के श्रीनिवासन ने अपने भाषण में कहा कि फासीवादी ताकतें केवल एक विशेष वर्ग में नहीं बल्कि पूरे देश की जनता पर हमला कर रही है। हमें फासीवादी ताकतों को राजनीतिक रूप से हराना होगा। हमारे देश के लोकतंत्र को मजबूत करने और धर्मनिरपेक्षता को बनाए रखने के लिए देश की आम जनता का एकजुट होना बेहद जरूरी है।
इस एक दिवसीय विरोध धरने में देश की प्रसिद्ध हस्तियों ने शिरकत की। धरना प्रदर्शन को पार्टी के राष्टीय महासचिव मोहम्म्द शफी, तेज सिंह, रवि नायर, अशोक अग्रवाल, जॉन दयाल व आदि ने भी संबोधित किया।
एसडीपीआई के राष्ट्रीय और प्रांतीय पदाधिकारियों और हजारों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। और अन्त में मध्यप्रदेश राज्य महासचिव सलीम अंसारी ने सभी मेहमानों और प्रतिभागियों का धन्यवाद किया।