ऽ नाजिम ले.क.मंसूर अली खान द्वारा दरगाह प्राप्रर्टी लीज रूल का उल्लघंन कर क्स्ब् रूल के अनुसार निर्धारित रेट से किराया नहीं वसूला किरायेदारों को किया खुश और दरगाह को करोडा़े की आथि्र्ाक क्षति
ऽ उर्स के दौरान नाजिम ले.क.मंसूर अली खान के फैसलों से दरगाह को 10 लाख का आर्थिक नुकसान
ऽ नाजिम ले.क.मंसूर अली खान द्वारा इतिहास में पहली बार दरगाह से जायरीनों को बाहर करने का निकाला था तुगलकी आदेश
दरगाह ख़्वाजा साहब के चेयरमेन शेख अलीम एवं वाईस चेयरमेन जावेद पारेख
ने बताया कि ख़्वाजा अजमेर उर्स के दौरान एवं आवश्यकता पड़ने पर दरगाह कमेटी ने हमेशा दरगाह ख़्वाजा साहब की खिदमत में अपना योगदान दिया, पूरी लगन एवं कठिन परिश्रम करके दरगाह संबधित समस्त व्यवस्थाओं को संभाला।
दरगाह कमेटी के सदस्यों को ज्। क्। का भुगतान किया जाना एक्ट के मुताबिक :-
दरगाह कमेटी के सदस्यों को ज्। क्। दरगाह ख़्वाजा साहब बायलॉज 1958 (30) के अनुसार अजमेर के बाहर रहने वाले सदस्य मीटिंग एवं दरगाह संबधित कार्यों हेतु अजमेर आयेगे तो उन्हें क्रेन्द्र शासन द्वारा निर्धारित यात्रा भत्ता दिया जावेगा। लेकिन दरगाह के नाजिम ले.क.मंसूर अली खान नहीं चाहते कि दरगाह कमेटी दरगाह के कार्यों में सक्रिय भूमिका अदा करें क्योंकि ले.क.मंसूर अली खान ने जब से दरगाह के नाजिम का पदभार संभाला हैं हमेशा दरगाह ख़्वाजा साहब के एक्ट 1955 एवं दरगाह ख़्वाजा साहब बायलॉज 1958 का निरंतर उल्लघंन किया हैं।
दरगाह नाजिम द्वारा ख़्वाजा गरीब नवाज एप्प और वेबसाइट का उपयोग नहीं करने से दरगाह को भारी नुकसानः- ख़्वाजा गरीब नवाज एप्प और वेबसाइट बनाने का कार्य 2-3 साल में पूर्ण हो पाया हैं इससे दरगाह शरीफ को बहुत फायदा पहुंचेगा दरगाह नाजिम द्वारा ख़्वाजा गरीब नवाज एप्प और वेबसाइट के जरिये देश-विदेश के जायरीन दरगाह ख्वाजा साहब में होने वाली धार्मिक कार्यक्रमों,उर्स के सभी प्रोग्राम छठी शरीफ आदि का लाइव टेलीकास्ट देख सकेगे, साथ ही जायरीन जो दरगाह को डोनेशन देने के इच्छुक हो वे वेबसाइट पर दिये अकाउंट नम्बर के माध्यम से दरगाह को डोनेशन भी भेज सकते हैं। लेकिन बड़े अफसोस की बात हैं कि दरगाह नाजिम द्वारा ख़्वाजा गरीब नवाज एप्प और वेबसाइट लांच हुये तीन महीने का वक्त गुजर चुका हैं पंरतु दरगाह नाजिम का इस बात की जानकारी थी कि दरगाह शरीफ को बहुत फायदा पहुंचेगा लेकिन ख़्वाजा गरीब नवाज एप्प और वेबसाइट का डोमेन इश्यू नहीं करवाया गया और ना ही एप्प और वेबसाइट का उपयोग करना जरूरी समझा ।
दरगाह के नाजिम साहब मुझे एवं दरगाह कमेटी के सदस्यों को बिना किसी को बताये, बिना कोई नोटिस दिये एवं अपना कार्यभार बिना किसी को सौंपे छुट्टी पर चले जाते हैं उर्स की तैयारियों के बीच भी जब दरगाह शरीफ में उनकी सबसे अधिक आवश्यकता थी उस वक्त नाजिम बिना किसी को बताये चले गये थे, उसी दौरान मेरे द्वारा कमेटी के सदस्यों से संपर्क किया गया एवं अजमेर पहुंच कर उर्स संबधी व्यवस्थाएं संभालना चाही परंतु नाजिम द्वारा उर्स के दौरान कमेटी सदस्यों के अजमेर में मौजूद होते हूये बगैर कमेटी से सलाह मशविरा लिये नाजिम ने अकेले ही निर्णय लिये गये । इस एक्ट का भी उल्लघंन किया गया ।
दरगाह ख़्वाजा साहब के ईमानदार नाजिम ने 17 अक्टूबर,2016 को नाजिम पद पर ज्वाइनिंग की, अपने 7 महीने के कार्यकाल में 8 लाख 14 हजार 60 रूपये सैलेरी पाने के बाद सिर्फ 3-31/2 (तीन-साढ़े तीन महीने) ही दरगाह कार्यालय में उपस्थित रहें महीने ड्यूटी पर रहे।
दरगाह के नाजिम ले.क.मंसूर अली खान ने कायड़ विश्राम स्थली पर कांट्रेक्ट देने मे घोर भ्रष्टाचार उजागर हुआ हैं गलत लोगों की साथ सांठ-गांठ करके, अजमेर के कुछ ब्लैकमेलर भू-माफियाओं से दोस्ती करके नाजिम ने अपने अजमेर में रहने वाले रिश्तेदारों से मिलकर उनके कहने पर जायरीनों के रूकने के लिये दरगाह कमेटी के अजमेर में मौजूद होने के बावजूद कमेटी से मंजूरी लिये बिना कमेटी रेग्यूलेशन के विपरीत जाकर कांट्रेक्ट दे दिया और अपने रिश्तेदारों की सांठ-गांठ से टेंडर देकर दरगाह संपत्ति को नुकसान पहुंचाया ।
श्री मन्सूर अली खान, नाजिम दरगाह द्वारा किये गये विधि विरुद्ध कार्य :-
माननीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्रालय द्वारा दरगाह प्राप्रर्टी लीज रूल के विषय में पहले ही निर्णय लिया गया था कि दरगाह के किरायेदारों से नये क्स्ब् रूल के अनुसार निर्धारित रेट से किराया वसूला जायेगा परंतु दरगाह के नाजिम साहब द्वारा मंत्रालय का आदेश एवं दरगाह कमेटी के निर्णय को दरकिनार करते हुये, दरगाह प्रापर्टी से संबधित महत्वपूर्ण निर्णय अकेले लेकर गत् 02 माह से पुरानी दरों से ही किराया वसूला जा रहा हैं एवं किरायादारों को खुश रखने के लिये एवं झूठी वाह-वाही लुटने के लिये नाजिम साहब द्वारा दरगाह वित्तीय को नुकसान पहुँचाया जा रहा हैं ।
दरगाह के निजाम गेट के पास इकबाल कुरेशी, इलियास कुरेशी के नाम से मीट की दुकान है जिसे कि नाजिम द्वारा मौखिक निर्माण की स्वीकृति दे दी एंव उन्होने दुकान को मरम्मत एंव आल्टरेशन कर लिया । दरगाह के वित्तिय हानि पहुॅची जबकि दरगाह ख्व़ाजा साहब उपनियम,1955 के 13(ं) के मुताबिक दरगाह कमेटी के नाजिम दरगाह की चल-अचल संपत्तियों का नियंत्रण,निरीक्षण एवं प्रबंधन करने से पूर्व दरगाह कमेटी के चेयरमेन एवं दरगाह कमेटी से स्वीकृति लेना परम आवश्यक होगा। परंतु इस एक्ट का भी उल्लघंन किया गया ।
दरगाह अभी कुछ दिन पूर्व ही दरगाह में बिना दरगाह कमेटी से विचार विमर्श किये बिना ही रात को दरगाह में आने की मनाही करना एंव हंगामा होने पर अपना आदेश वापस लिया इतिहास में पहली बार दरगाह नाजिम द्वारा तुगलकी फरमान जारी कर जायरीनों को दरगाह शरीफ से बाहर निकाला गया, जायरीनों के साथ दरोगाओं द्वारा अभ्रद व्यवहार किया गया क्योंकि दरगाह में रात के समय अधिकतर इबादत के लिये जायरीन रूका करते हैं जिससे कि इतिहास में कभी ऐसा किसी भी नाजिम एवं सिक्योरिटी द्वारा ऐसा नहीं किया गया जैसा गत् दिनांक 21/4/17 को दरगाह साहब के नियुक्त नाजिम साहब द्वारा दरगाह कमेटी से बिना सलाह मशविरा किये एक आदेश जारी किया गया इस आदेश में खादिमों की
संस्था अंजुमन मोनिया फखरिया चिश्तिया और अंजुमन यादगार को निर्देशित किया गया कि दरगाह के आस्ताना बंद होने के बाद रात के समय यदि कोई जायरीन इबादत के लिए रूकने का इच्छुक हो तो पूर्व में दरगाह के कमेटी के नाजिम साहब की अनुमति लेनी होगी इसके लिए नाजिम साहब ने एक आवेदन पत्र भी जारी किया, आदेश में नाजिम ने स्पष्ट तौर पर उल्लेख किया कि दरगाह कमेटी की अनुमति के बिना कोई भी व्यक्ति दरगाह परिसर में रात्रि के समय नहीं रूक सकता हैं जबकि रात्रि में दरगाह परिसर में खादिमों द्वारा भी इबादत की जाती हैं यह परंपरा आज से विगत् कई वर्षों से चली आ रही है और रात में दरगाह परिसर में इबादत करने के लिये ही जायरीन और खादिम रूकते हैं ऐसे में नाजिम द्वारा दरगाह कमेटी के सदस्यों एवं उच्च अधिकारियों से सलाह-मशविरा किये बिना दरगाह कमेटी नाजिम को अपने स्तर पर इस तरह के निर्णय लेने का अधिकार कतई नहीं हैं । दरगाह कमेटी की छवि नाजिम के कारण खराब हुई
दरगाह नाजिम द्वारा अजमेर दरगाह कमेटी से मंजूरी लिये बिना अजमेर दरगाह के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट सोलह खंभा खानखां स्थित टॉयलेट ब्लॉक अथॉरिटी के निर्माण संबधी शपथ पत्र न्यायालय में प्रस्तुत कियाः-
माननीय प्रधानमंत्रीजी के स्वच्छता अभियान के अंतर्गत देश को खुले में शौच मुक्त बनाने के अभियान के अंतर्गत अजमेर दरगाह के नाजिम द्वारा केन्द्र सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं को भी क्रियान्वित नहीं किया जा रहा हैं। दरगाह नाजिम मंसूर अली खान का पूरा टाईम दरगाह एक्ट के विरूद्ध काम करने में जाता हैं उन्होंने बिना दरगाह कमेटी की मंजूरी लिये खुद ही निर्णय लेकर स्थानीय न्यायालय में शपथ पत्र प्रस्तुत कर दिया जिसमें कहा गया हैं कि विवादित जगह शौचालय नहीं
था, जबकि वादीगण ने 1915 के दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत कर अदालत में बताया कि विवादित जगह पर सार्वजनिक शौचालय थे, जबकि दरगाह कमेटी एवं दरगाह के दीवान साहब के साथ मिलकर सोलह खंभा खानखां स्थित टॉयलेट ब्लॉक के
निर्माण करवा रही थी, पूर्व नाजिम अशफाक हुसैन ने दिनांक 14 अक्टूबर, 2016 को स्वच्छ भारत अभियान के तहत नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखकर उक्त जगह में जायरीनों की सुविधाओं में इजाफा करने के उद्देश्य से आधुनिक शौचालय बनाने का आग्रह किया था, पंरतु नाजिम मंसूर अली खान द्वारा सुनवाई के दौरान शपथ पत्र प्रस्तुत कर दिया गया जिससे सोलाखंभा में जायरीनों की सहुलियतों को बढ़ाने वाले महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट था।
दरगाह के एक अन्य महत्वाकांक्षी हास्पिटल प्रोजेक्ट हेतु हिमालया ग्रुप के डॅा. दाडी बलसारा द्वारा पहले ही 2 करोड रू. की रकम दरगाह को प्राप्त हुई थी पंरतु दरगाह के नाजिम ले.क.मंसूर अली खान द्वारा इस प्रोजेक्ट के संबध में रूचि नहीं दिखाई गई क्योंकि उनके खास दोस्त अवैध रूप से उक्त प्लॉट पर कब्जा किये हुये हैं और नाजिम ने कमेटी मेम्बरों से यह कहा गया कि वे मेरे खास दोस्त हैं मैं उनसे कुछ नहीं कहुंगा ।
इसी प्रकार से लेड़ीस कोरिडोर के निर्माण कार्य के रूपये दरगाह के बैंक अकाउंट में आ गये थे लेकिन दरगाह नाजिम द्वारा उक्त प्रोजेक्ट के लिये प्राप्त रकम बिना दरगाह कमेटी की मंजूरी के बिना लौटा दी गयी।
दरगाह नाजिम, दरगाह कमेटी को बिना बताये सहायक नाजिम को चार्ज देकर सप्ताह भर की छुट्टी पर चले गये हैंः- मई माह के शुरू होते ही नाजिम साहब मुझे और कमेटी सदस्यों को बिना बताये दूसरी बार फिर छुट्टी पर चले गये हैं ऐसा प्रतीत होता हैं कि नाजिम साहब दरगाह के अपने पद दायित्वों के प्रति जिम्मेदार नहीं हैं पूर्व में भी नाजिम उर्स की तैयारियों को बीच में छोड़कर छुट्टी पर चले गये थे और उर्स के बाद गर्मियों की छुट्टियों में देश-विदेश से जायरीन अजमेर आते हैं जिसकी समुचित व्यवस्थाओं का पूरा भार नाजिम कार्यालय पर होता हैं ।
नाजिम दरगाह के विकास कार्यों से लेकर अपने पद से संबधित कार्यों की जिम्मेदारियां को निभा नहीं रहे हैं क्योंकि उन्होंने उर्स के दौरान कहा कि मैंने तो इस्तीफा दे दिया और कहा कि मंत्रालय मेरा इस्तीफा स्वीकार नहीं कर रहा हैं इसलिये यहां हुं।
दरगाह के नाजिम द्वारा दरगाह ख़्वाजा साहब एक्ट के उल्लघंन करने के साथ ही दरगाह कमेटी की मीटिंग्स में कमेटी के चेयरमेन, वाईस चेयरमेन एवं सदस्यों द्वारा लिए गये फैसलों का कभी भी क्रियान्वित करना जरूरी नहीं समझा । उर्स के दौरान होने वाली प्रशासनिक मींटिगों मे दरगाह नाजिम ने केवल एक मीटिंग अटेंड की, जिससे प्रशासन एवं दरगाह कमेटी के बीच कोई ठोस ताल-मेल नहीं को पाया जिससे जायरीनों को दरगाह की व्यवस्थाओं में बहुत दिक्कतों सामना करना पड़ा।
नाजिम द्वारा बजट मींटिग और बजट संबधी कोई तैयारी नहीं की गईः-
दरगाह ख्व़ाजा साहब उपनियम,1955 के 19(ं) के मुताबिक दरगाह के खातों को हर साल लेखा परीक्षण (ऑडिट) किया जायेगा।
दरगाह ख्वा़जा साहब के सेक्शन 3, भाग प्प् के 8 के अनुसार मार्च के महीने में वार्षिक रिपोर्ट पेश की जानी थी, दरगाह ख़्वाजा साहब बॉयलॉज,1958 के 8(1) के मुताबिक दरगाह के नाजिम मार्च के महीने में वार्षिक रिपोर्ट दरगाह कमेटी के समक्ष प्रस्तुत करेंगे पंरतु नाजिम द्वारा दरगाह का वार्षिक बजट पेश करने संबधी कोई तैयारी नहीं कि गई हैं जबकि उनके द्वारा
दरगाह कमेटी के चेयरमेन एवं वाईस चेयरमेन द्वारा उर्स के लिए प्रतिवर्ष आने वाले फकीर बाबा मलंग के लिए वाहन की व्यवस्था करने के निर्देश नाजिम को पत्र द्वारा
प्रेषित किये गये थे (ज्ञात हो कि बाबा मलंग को लाने ले जाने हेतु विगत् 02 वर्षों गाड़ी भेजी जा रही थी) लेकिन नाजिम द्वारा उक्त निर्देशों को अमल में नहीं लाया गया, वाहन एवं एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं करने से बाबा मलंग काफी नाराज हुये।
इतना काफी नहीं हुआ उर्स के दौरान इतनी अव्यवस्थाऐं एवं दिक्कतों के चलते हुये इरानी डेलीगेशन भी नाराज हुआ।
दरगाह के नाजिम द्वारा अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से निरंतर दुर्रव्यवहार की वजह से दरगाह के कर्मचारियों में भय का माहौल है क्योंकि नाजिम साहब द्वारा दरगाह के कार्यालयीन कार्यों में भी ताल मेल नहीं बैठ रहा है जिससे दरगाह एवं गेस्ट हॉउस के नियमित कार्य भी प्रभावित हो रहे एवं दरगाह परिसर एवं गेस्ट हॉउस में विवाद की स्थितियां निर्मित हो रही हैं
दरगाह की चार्टड अकाउंटेंट अनिता जी के द्वारा दरगाह कमेटी के चेयरमेन एवं वाईस चेयरमेन को पत्र भेजकर नाजिम द्वारा कार्य के प्रति लापरवाही के बारे में बताया गया हैं कि प्रत्येक वर्ष मार्च के अंतिम सप्ताह में दरगाह के बैंक अकाउंट दरगाह नाजिम के सहयोग से अपडेट कर दिये जाते हैं ख़्वाजा मॉडल स्कूल एवं दरगाह के खातों को ऑडिट करने के लिये हमारी तरफ से तैयार थे पंरतु इस वर्ष पहली बार ऐसा हुआ हैं कि अजमेर दरगाह के नाजिम ले.क.मंसूर अली खान से संपर्क किये जाने पर उनके द्वारा कोई सहयोग प्रदान नहीं किया गया हैं जिसके परिणामस्वरूप आज दो माह पश्चात भी मई माह में दरगाह के बैंक अकाउंट अपडेट नहीं हुये हैं। दरगाह संपत्ति एवं वित्तीय मामलों में इस तरह की लापरवाही बरतना कतई उचित नहीं हैं।
नाजिम ले.क.मंसूर अली खान के इन सब कार्यों से ऐसा प्रतीत होता हैं कि नाजिम देओबंदी विचाराधारा के व्यक्ति हैं उनकी अकीदत दरगाह ख़्वाजा साहब में नहीं है।