सेहत के लिए पुलिस कर्मी हों जागरूक -डाॅ जयसिंघानी
‘‘कैंसर से लड़ाई के लिए हों संगठित’’ विषय पर पुलिस लाइन में हुई सेमिनार
अनेक पुलिस कर्मियों ने कराई फेफड़ों की निःशुल्क स्मोक चैक जांच
अजमेर, 01 जून। थकान व तनाव मैटने के लिए धूम्रपान करना या शराब का सेवन करना सही विकल्प नहीं हैं। जब अकेले हों तो भी बीड़ी व सिगरेट अपनाने के बजाय किसी अन्य साधन में मन लगाएं खुद की सेहत के साथ समूचे परिवारजन के लिए सुखदायी होगा।
मित्तल हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर अजमेर के कैंसर रोग विशेषज्ञ डाॅ. प्रशांत शर्मा ने बुधवार रात पुलिस लाइन स्थित मीटिंग हाॅल में ‘‘कैंसर से लड़ाई के लिए हों संगठित’’ विषय पर आयोजित सेमिनार में पुलिस कर्मियों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए यह विचार रखे।
विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर मित्तल हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर अजमेर व राजकीय पुलिस लाइन डिस्पेंसरी के संयुक्त तत्वावधान में यह जागरुकता सेमिनार रखी गई थी। सेमिनार की अध्यक्षता पुलिस लाइन डिस्पेंसरी के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डाॅ. प्रदीप कुमार जयसिंघानी ने की। पुलिस लाइन के संचित निरीक्षक सुरेश डाबरिया सहित अनेक अधिकारी एवं कर्मचारियों ने इस सेमिनार में हिस्सा लिया। करीब डेढ़ घंटे चली सेमिनार में पुलिस लाइन के जवानों ने कई सवाल किए। डाॅ प्रशांत ने पावर प्रजेंटेशन के जरिए पुलिस कर्मियों को जर्दा, धूम्रपान और शराब के सेवन से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव और शरीर में कैंसर की गांठ के पनपने के कारण और निवारण बेहद सहज और सरल जानकारी दी। पुलिस कर्मियों ने एकांत में बीड़ी, सिगरेट की तलब ही ना लगे इसके उपाय जानने चाहे ? पुलिस कर्मियों ने पूछा कि रोज सिर्फ दो पैक शराब का सेवन करना भी क्या स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है ? एक पुलिस कर्मी की जिज्ञासा थी कि थकान होने और मानसिक तनाव बढ़ने पर शराब नहीं पिएं तो क्या करें ? उसका राज्य सरकार को सुझाव यह था कि यदि सरकार शराब और सिगरेट की बिक्री ही बंद कर दे तो सारा झंझट ही खत्म हो जाए!
डाॅ प्रशांत ने कहा कि धूम्रपान और शराब दोनों एक और एक मिलकर ग्यारह की तरह शरीर पर बुरा प्रभाव डालते हैं। एल्कोहल का कम मात्रा में सेवन हृदय के लिए भले ठीक हो, लेकिन वह लीवर के लिए तो घातक है ही। धूम्रपान और शराब का सेवन कम या ज्यादा जैसा तो कोई सवाल होना ही नहीं चाहिए। कौशिश हो कि जर्दा, धूम्रपान व शराब की लत छोड़ने के लिए अपने मन पर नियंत्रण पाएं और सामूहिक व संगठित प्रयास करें। अपने ग्रुप में ना स्वयं सेवन करें और ना धूम्रपान व शराब सेवन करने वाले को किसी भी तरह से प्रोत्साहित करें। एकांत स्थिति में किसी अन्य साधन जैसे खेल, संगीत, साहित्य पढ़ना, बागवानी या कुकिंग आदि में मन लगाया जा सकता है।
अध्यक्षीय उद्बोधन में डाॅ. प्रदीप जयसिंघानी ने कहा कि सेहत के लिए सभी पुलिस कर्मियों से संगठित प्रयास करने की अपेक्षा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि पुलिस लाइन में रहने वाले पुलिस कर्मी सामूहिक प्रयास करें तो ऐसा वातावरण बन सकता है कि पुलिस लाइन, अजमेर ‘‘धूम्रपान मुक्त’’ घोषित हो जाए। इससे पूर्व संचित निरीक्षक सुरेश डाबरिया ने स्वागत किया। पुलिस लाइन में उपस्थित अनेक पुलिस कर्मियों ने इस मौके पर फेफड़ों की ‘‘स्मोक चैक’’ जांच का निःशुल्क लाभ उठाया।
