अजमेर, 6 जून। अजमेर विद्युत वितरण निगम लि. के प्रबन्ध निदेशक श्री मेहाराम विश्नोई ने अजमेर शहर की विद्युत व्यवस्था को टाटा पावर लिमिटेड कम्पनी को देने के संबंध में तकनीकी कर्मचारियों द्वारा विरोध प्रकट करने एवं धरना प्रदर्शन किए जाने व दिए गए ज्ञापन के संबंध में स्पष्ट किया किः-
Ø कर्मचारियों से निगम द्वारा विकल्प-पत्रा भरवाया जाएगा, भरे गए विकल्प पत्रा के आधार पर आवश्यकतानुसार टाटा पावर लिमिटेड में समायोजित किया जाएगा, जिनके एवज में अधिकारियों को 20 प्रतिशत व कर्मचारियों को 10 प्रतिशत प्रतिनियुक्ति भत्ता दिया जाएगा व कर्मचारियों के हितों पर कोई कुठाराघात नहीं होगा। निगम में कार्यरत कर्मचारियों की सेवा से जुडी तमाम सुविधाएं व लाभ पूर्व की तरह ही बने रहेंगे। कम्पनी की कार्यशैली पर डिस्काॅम के उच्चाधिकारियों की निगरानी रहेगी। उन्होंने तकनीकी कर्मचारी यूनियन के प्रतिनिधियांे को कहा कि कर्मचारियों में व्याप्त भय को दूर करें एवं कम्पनी में मेहनत व निष्ठा के साथ कार्य करें तथा अपने अन्य तकनीकी साथियों को भी कम्पनी में कार्य करने के लिए प्रेरित करें।
Ø कर्मचारियों की संख्या आवश्यकता से अधिक होने पर कर्मचारियों की कार्यशैली के आधार पर उपखण्डों में रिक्त पदों पर समायोजन किया जाएगा।
Ø तकनीकी कर्मचारियों की पदोन्नतियाँ भी शीघ्र ही कर दी जाएगी।
Ø उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण बिजली उपलब्ध होगी। अजमेर शहर के लोसेज कम करने व शत-प्रतिशत राजस्व वसूली की जाएगी।
Ø नये विद्युत कनेक्शन देने, खराब मीटर एवं ट्रांसफार्मर बदलने का कार्य त्वरित गति से किया जाएगा।
Ø उपभोक्ताओं की समस्याओं का त्वरित गति से समाधान होगा।
Ø बिलिंग व्यवस्था सुचारू होगी।
उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व मंे राजस्थान के दो शहरों में जहां विद्युत व्यवस्था का संचालन निजी कम्पनी द्वारा किया जा रहा वहां वर्तमान में किसी प्रकार की अनियमितता, शिकायत या असंतोष नही पाया गया है, परिणाम भी अच्छे आ रहे है एवं उपभोक्ता भी संतुष्ट है। अतः अजमेर शहर की विद्युत व्यवस्था के संचालन, बेहतर विद्युत आपूर्ति, वसूली, रखरखाव इत्यादि कार्य निजी कम्पनी द्वारा किया जाना राज्य, आमजन एवं कर्मचारी हित में है।