ये है सीटों की स्थिति :-
डॉ. सिंह ने बताया कि बी.एससी. पार्ट प्रथम में कुल 700 सीटें हैं, जिसमें से गणित में 350 एवं जीवविज्ञान में भी 350 सीटें आवंटित हैं। विज्ञान संकाय में कुल छह ऐच्छिक विषयों में प्रवेश की सुविधा उपलब्ध है। इसी प्रकार बी.ए. पार्ट प्रथम में में कुल 1760 सीटों पर होने वाले प्रवेश में 21 सेक्शन सहित 13 ऐच्छिक विषयों में प्रवेश दिया जाएगा। बी.कॉम. पार्ट प्रथम में कुल आठ सेक्शन में 640 सीटों पर प्रवेश दिया जायेगा।
डॉ. सिंह ने बताया कि ऑनलाईन प्रवेश फॉर्म किसी भी ईमित्र पर भरा जा सकता है। विद्यार्थी अपनी एसएसओ आईडी बनाकर आधार कार्ड, भामाशाह कार्ड, बैंक अकाउंट डिटेल, ईमेल आईडी एवं मोबाईल नंबर आदि विस्तृत जानकारी साथ लेकर फॉर्म भर सकते हैं। डॉ. सिंह ने बताया कि 22 जून को पहली वरीयता सूची जारी की जावेगी, जिसे सांय 5 बजे के पश्चात महाविद्यालय के सूचना पट्ट पर चस्पा कर दिया जायेगा। जिन छात्रों के नाम प्रथम वरीयता सूची में आते हैं, उन्हें महाविद्यालय में आकर मूल प्रमाण-पत्रों का सत्यापन 28 जून को दोपहर 2 बजे तक करवाना होगा। प्रमाण-पत्रों के सत्यापन के पश्चात विद्यार्थियों को ईमित्र पर निर्धारित फीस 29 जून तक जमा करवानी होगी। 30 जून को प्रथम प्रवेशित सूची जारी कर दी जाएगी। कक्षायें एक जुलाई से प्रारम्भ कर दी जायेंगी।
डॉ. सिंह ने बताया कि सीटें रिक्त रहने पर आवश्यकतानुसार प्रथम प्रतीक्षा सूची 4 जुलाई को जारी की जाएगी, जिसका प्रमाण-पत्रा सत्यापन 7 जुलाई तक किया जायेगा। इसके पश्चात 8 जुलाई तक ईमित्रा पर फीस जमा कराई जा सकेगी। प्रतीक्षा सूची में से प्रवेशित छात्रों की सूची 10 जुलाई को महाविद्यालय में चस्पा कर दी जाएगी।
मीडिया प्रभारी डॉ. राजेन्द्र पुरोहित ने बताया कि अभी तक ऑनलाईन प्रक्रिया द्वारा महाविद्यालय को 4914 प्रवेश फॉर्म प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें से बीए में 2986, बी.कॉम में 440 एवं बी.एससी. जीवविज्ञान में 528 तथा गणित वर्ग में 980 फॉर्म प्राप्त हो चुके हैं। विद्यार्थियों की सुविधा के लिये हेल्पडेस्क प्रातः 10 बजे से 2 बजे तक कार्यरत है, जिसमें छात्रा प्रवेश से संबंधित अन्य विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि कला संकाय के प्रभारी डॉ. बजरंग सिंह राठौड़, विज्ञान संकाय के डॉ. सुमन चन्द्र शर्मा एवं वाणिज्य संकाय के डॉ. संजय इस्सर से भी विद्यार्थी संबंधित संकाय के प्रवेश संबंधी जानकारी हेतु सम्पर्क कर सकते हैं। इस अवसर पर डॉ नवदीप सिंह सहित अनेक व्याख्याता उपस्थित थे।
– मोहन थानवी
