कान्हा के जन्म पर मनाई खुशियां,बांटी बधाई

बीकानेर। मधुर कृार्षिण मंडल के तत्वावधान में समता नगर के राधा कृष्ण मंदिर में चल रही श्रीमद भागवतकथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव के पाँचवे दिन रजनीशानंद महाराज ने श्री राम जन्म और नंद उत्सव की कथा सुनाई। भगवान के जन्मोत्सव पर भक्तों ने नन्हें कान्हा का स्वागत फूल बरसाकर किया। वहीं बधाई भी बांटी। पूरा पांडाल नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की.. के उद्घोष से गूंज उठा। इस अवसर पर श्री राम और श्री कृष्ण ने अपने जन्म के साथ-साथ लीलाओं के जरिए ज्ञान ही ज्ञान बांटा है। उन्होनें कहा कि किसी चीज को समझने के लिए ज्ञान की आवश्यकता होती है, मगर उसे महसूस करने के लिए अनुभव की आवश्यकता होती है। ज्ञान की बातें समझें और अनुभव के जरिए जीवन में अवश्य अपनायें। यदि आप गलती करके स्वयं को सही सिद्ध करने का प्रयास करते हैं तो समय आपकी मूर्खता पर हंसा करेगा। धन कमाना बुरा नहीं है पर धन का दुरुपयोग किसी को हानि पहुंचाने के लिए करना बुरा कहलाता है। इस दौरान कृष्ण की माखन मटकी फोड़ के साथ कृष्ण द्वारा गोपियों के आग्रह पर माखन चोरी का प्रसंग सुनाया। संतश्री ने कहा कि यशोदा का अहंकार था तो कृष्ण नहीं बंधे लेकिन प्रेम से श्रीकृष्ण भक्तों के बंधन में बंध जाते हैं। जब जीव मन वचन काया से स्मरण करता है तो प्रभु कृपा कर देते हैं। प्रभु अपने भक्तों से दूर नहीं रह सकते हैं। भगवान श्रीकृष्ण के घर गायों और माखन की कमी नहीं थी। बावजूद गोपियों के अटूट प्रेम के चलते भगवान श्रीकृष्ण माखन चोर कहलाए। उन्होंने जब यशोदा मां को माटी खाने के बहाने मुख में ब्रह्मांड के दर्शन कराए तब यशोदा को अहसास हो गया कि उनका लल्ला कोई साधारण नहीं, ये परम ब्रह्म का अवतार है। भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन को इंद्र देवता के कोप से बचाया एवं इंद्र के अहंकार को तोड़ा। भागवत कथा के दौरान महारास, श्रीकृष्ण मथुरागमन एवं श्रीकृष्ण-रुक्मिणी एवं तुलसी विवाह प्रसंग का सुनाया जाएगा। कथा में लालचंद भाटी,समता नगर विकास समिति के अध्यक्ष रमेश पारीक ,राजेश रावत,राजेश तलवाडिय़ा,ओमप्रकाश व हर्ष कंसल सहित अनेक श्रद्वालुओं ने कथा श्रमण कर आंनद उठाया।

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