व्यंग्य संग्रह ”मैं आम आदमी हूं” का लोकार्पण

डा0 जोषी के व्यंग्य समय से सीधा संवाद करते है
व्यंग्यकार डा0 अजय जोषी का सम्मान

DSC_7768बीकानेर 28 जनवरी । शब्दरंग साहित्य एवं कला संस्थान एवं कादम्बिनी क्लब के संयुक्त तत्वावधान में धरणीधर रंगमंच पर सुप्रसिद्ध लेखक संपादक व्यंग्यकार डा0 अजय जोषी के सद्य प्रकाषित व्यंग्य संग्रह ”मैं आम आदमी हूं” का लोकार्पण किया गया । कार्यक्रम में नगर की विभिन्न संस्थाओं द्वारा पुस्तक के रचयिता डा0 अजय जोषी का सम्मान किया गया ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ हास्य व्यंग्य कवि भवानी शंकर व्यास विनोद ने कहा कि पुस्तक में व्यंग्यकार के अनुभवों का विस्तार, युग चेतना, जीवन के विविध रंग है यह व्यंग्य पाठकों से सीधा संवाद करते है । विनोद ने कहा कि व्यंग्य में स्वयं पर पर कटाक्ष करना चुनौतिपूर्ण है । कार्यक्रम अध्यक्ष लोक कला मर्मज्ञ डा0 श्रीलाल मोहता ने कहा कि डा0 जोषी नगर की गौरवपूर्ण व्यंग्य परम्परा का निर्वहन कर रहे है । उन्होने कहा कि पुस्तक के व्यंग्य जनजीवन से गहरा रिष्ता रखते है । विषिष्ट अतिथि राजस्थान राज्य अभिलेखागार के निदेषक डा0 महेन्द्र खडगावत ने कहा कि जोषी के व्यंग्यों में सरलता, सौम्यता और आत्मीयता है । विषिष्ट अतिथि कवि कथाकार राजेन्द्र जोषी ने कहा कि पुस्तक के व्यंग्य पाठकों पर सीधा प्रभाव डालते है । स्वागताध्यक्ष सूचना एवं जनसम्पर्क सहायक निदेषक डा0 राजेष कुमार व्यास ने कहा कि व्यंग्य प्रत्यक्ष की अप्रत्यक्ष विधा है उसमें गहन और गंभीर चिंतन है ।
कवि कथाकार डा0 रेणुका व्यास ने पुस्तक पर पत्रवाचन करते हुए कहा कि पुस्तक में जीवन की विसंगतियो, विभिन्न मुददों पर सषक्त व्यंग्य रचे गये है जिनमें लेखक की अपनी भाषा शैली, मुहावरे, कहावतें, दोहे रोचकता पैदा करते है । पाठकीय टीप में लेखक अषफाक कादरी ने कहा कि पुस्तक के 37 व्यंग्य जीवन की विसंगतियों पर सीधे चोट करते है जो ज्ञान के नये आयामों को खोलते है । व्यंग्यकार आलोचक कवि नीरज दैया ने पाठकीय टीप में कहा कि मौजूदा व्यंग्य का मूल्यांकन खुले मन से किया जाना चाहिये । कार्यक्रम में कवि कथाकार राजाराम स्वर्णकार ने व्यंग्यकार डा0 अजय जोषी के व्यक्तित्व कृतित्व पर पत्रवाचन किया । कार्यकम में दैनिक युगपक्ष के प्रकाषक राजेष कुमार सक्सेना को शब्दपोषक सम्मान तथा साहित्यानुरागी नेमचन्द गहलोत को शब्दमित्र सम्मान से नवाजा गया । कार्यक्रम में पुस्तक के मुखपृष्ठ के सृजक वरिष्ठ चित्रकार हरिगोपाल हर्ष सन्नूजी, चैेन्नई के संस्कृतिकर्मी पं0 जमनादास सेवग का सम्मान कियाा गया । कार्यक्रम मे डा0 जोषी ने रंगकर्मी पत्रकार साहित्यकार मधु आचार्य आषावादी, कवि कमल रंगा, संगीतज्ञ डा0 मुरारी शर्मा, रंगकर्मी बी0 एल0 नवीन, चन्द्रषेखर जोषी, तथा अपने परिजनों को लोकार्पित पुस्तक भेंट की ।
कार्यक्रम में अभिभूत व्यंग्यकार डा0 अजय जोषी ने कहा कि हमसब की इच्छाएं, आवष्यकताएं, भावनाएं, अपेक्षाएं महसूस करता हूं उसे नये नजरिये से लिखने की कोषिष करता हूं जो व्यंग्य बन जाता है । कार्यक्रम में सखा संगम के अध्यक्ष एन0 डी0 रंगा, चन्द्रषेखर जोषी, फिल्मकार मंजूर अली चंदवानी, डा0 मुरारी शर्मा, नागेष्वर जोषी, ब्रजगोपाल जोषी, जनजीवन कल्याण समिति के सचिव डा0 एम0 एल0 व्यास, षिवषंकर शर्मा, श्यामसुन्दर चूरा, सुधा आचार्य, डा0 बसन्ती हर्ष, डा0 एस0 एन0 हर्ष, शब्दरंग साहित्य एवं कला संस्थान के संयोजक अषफाक कादरी, सचिव राजाराम स्वर्णकार, कवि बाबूलाल छंगाणी, ऋषि कुमार अग्रवाल द्वारा व्यंग्यकार डा0 अजय जोषी का साफा, शॉल, श्रीफल, सम्मान पटट अर्पित कर सम्मान किया गया । कार्यक्रम के प्रारंभ में श्रीमती यामिनी जोषी, सुधा आचार्य, संगीता व्यास ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की ।
कार्यक्रम में नगर परिषद के पूर्व सभापति चतुर्भुज व्यास, राजस्थान वेटनरी विष्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा0 ए0 के0 गहलोत, डा0 गोपाल नारायण व्यास, षिक्षाविद कैलाष रतन सोनी, शुक्लाबाला पुरोहित, डा0 राजेन्द्र चौधरी, डा0 चन्द्रषेखर श्रीमाली, सी0एस0 नारायण डागा, लक्ष्मीचन्द पुरोहित, डा0 एस आर झाझडिया, ई0 गोर्वधन चौमाल, ई0 आषा शर्मा, रामेष्वर बाडमेरा साधक, डा0 जियाउल हसन कादरी, केषव प्रसाद बिस्सा, आत्माराम भाटी, डा0 जगदीष बारहठ, डा0 शीला व्यास, झंवरा स्वर्णकार, अविनाष आचार्य, डा0 नमामीषंकर जोषी, अजीत राज, जनमेजय व्यास, षिवषंकर व्यास, प्रो0 ओम कुवेरा, नरसिंह भाटी नीषू, बी0 जी0 जोषी, सरदार अली पडिहार, संजय श्रीमाली, मईनुदीन कोहरी, प्रो0 परमजीत सिंह वोहरा, डा0 पुनीत जोषी, अनिल व्यास, सुरेन्द्र रंगा सहित गणमान्य साक्षी बने । कादम्बिनी क्लब के गिरीराज पारीक ने धन्यवाद ज्ञापित किया । संचालन कवि कथाकार संजय आचार्य वरूण ने किया ।

(राजाराम स्वर्णकार)
सचिव, शब्दरंग साहित्य एवं कला संस्थान,बीकानेर
मोबाईल नं0 9314754724

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