राजस्थानी साहित्यिक पत्रकारिता पर राश्ट्रीय संगोश्ठी 25 फरवरी को

लोक चेतना की राजस्थानी तिमाही ‘राजस्थली’ के 40 वर्श पूर्ण होने पर आयोजन । राजस्थानी पत्र-पत्रिकाओं के संपादकों को अर्पित किया जाएगा ‘राजस्थली सम्मान’ ।
बीकानेर ।
लोक चेतना की राजस्थानी तिमाही ‘राजस्थली’ के प्रकाषन के 40 वर्श पूर्ण होने पर पत्रिका द्वारा 25 फरवरी, 2018 को राजस्थानी की साहित्यिक पत्रकारिता पर राश्ट्रीय संगोश्ठी का आयोजन संस्कृति भवन, श्रीडूंगरगढ में किया जाएगा । इस आषय की जानकारी देते हुए राजस्थली के प्रधान संपादक ष्याम महर्शि ने बताया कि आयोज्य संगोश्ठी में देष-भर में प्रकाषित होने वाली राजस्थानी पत्र-पत्रिकाओं के संपादकों एवं राजस्थानी साहित्यकारों के सान्निध्य में होने वाली इस संगोश्ठी में राजस्थानी साहित्यिक पत्रकारिता की दषा-दिषा और संभावनाओं पर विमर्ष होगा । संगोश्ठी के संयोजक रवि पुरोहित ने आयोजन की रूपरेखा साझा करते हुए बताया कि प्रातः 10.30 बजे इप्टा के राश्ट्रीय अध्यक्ष व संस्कृतिविज्ञ चिंतक रणवीर सिंह के सान्निध्य और प्रो. भंवरसिंह सामौर की अध्यक्षता में होने वाले सत्र के मुख्य अतिथि कवि-कथाकार-समालोचक ष्याम सुंदर भारती होंगे । विशय प्रवर्तक के रूप में बीज भाशण मालचंद तिवाड़ी का होगा । इस अवसर पर राजस्थानी में निरंतर प्रकाषित हो रही पत्र-पत्रिकाओं माणक के संपादक पदम मेहता, बिणजारो के नागराज षर्मा, राजस्थानी री पाती के आनंद पुरोहित, हथाई के भरत ओळा, कथेसर के रामस्वरूप किसान, अपरंच के गौतम अरोड़ा, अनुसिरजण के दुलाराम सहारण, लीलटांस के कुमार अजय, टाबरटोळी की कमलेष षर्मा, सूरतगढ टाइम्स के मनोज स्वामी, षेखावाटी एक्सप्रेस के बृजेन्द्र अरड़ावतिया, वरदा के डॉ. उदयवीर षर्मा और युगपक्ष के उमेष सक्सेना को ‘राजस्थली’ सम्मान अर्पित किया जाएगा ।
राजस्थली के प्रकाषक लॉयन महावीर माली ने बताया कि प्रथम सत्र में ‘राजस्थानी की साहित्यिक पत्रकारिता’ विशयक संगोश्ठी कथाकार संपादक भरत ओळा की अध्यक्षता में आयोजित की जाएगी । सत्र में चित्तौड़ के कवि-समालोचक डॉ. रमेष मयंक और राजस्थानी के सुप्रसिद्ध कवि-व्यंग्यकार षंकरसिंह राजपुरोहित पत्रवाचन करेंगे ।
विवरण – रवि पुरोहित

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