केकड़ी।
श्वेताम्बर जैन साध्वी शुभ दर्शना, साध्वी समकित प्रज्ञा एवं साध्वी स्वस्ति प्रज्ञा का सोमवार को केकड़ी में मंगल प्रवेश हुआ। साध्वी मण्डल के आगमन पर अजमेर रोड स्थित मास्टर कॉलोनी से भव्य जुलूस निकाला गया। जो नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए सब्जी मण्डी स्थित कुशल भवन पहुंचा। जुलूस मार्ग में अनेक स्थानों पर स्वागत द्वार लगाए गए। जैन समाज के महिला-पुरूषों ने साध्वी मण्डल की गंहुली बना कर वंदना की। साध्वी मण्डल की निश्रा में समाज के लोगों ने चन्द्रप्रभु मंदिर में चैत्यवंदन किया। इस मौके पर ज्ञानचन्द सुराणा, उदयसिंह धम्माणी, गौतमचन्द बग्गाणी, जितेन्द्र सिंघवी, राजेन्द्र विनायका, सुरेन्द्र लोढ़ा, कुशल चौरडिय़ा, अमित धूपिया, खेमचन्द ताथेड़, राजेन्द्र धूपिया, छीतरमल मेड़तवाल, सुरेन्द्र धूपिया, शांतिलाल चौरडिय़ा, लाभचन्द धूपिया, शांतिलाल ताथेड़, भंवरलाल मेड़तवाल, उमराव मल मेड़तवाल, निहालचन्द मेड़तवाल, नवीन जैन सहित अनेक समाजबंधु मौजूद थे। जुलूस के पश्चात सब्जी मण्डी स्थित कुशल भवन में धर्मसभा का आयोजन हुआ। शोभायात्रा के बाद धर्मसभा का हुआ आयोजन-धर्मसभा को संबोधित करते हुए साध्वी शुभदर्शना ने कहा कि जिस मनुष्य के जीवन में अहिंसा, संयम व तप की भावना रहती है उसके चरणों में देवता भी नमस्कार करते है। जिस इंसान में इंसानियत होती है वही व्यक्ति सच्चा मानव कहलाने के लायक होता है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को गुणग्राही बनना चाहिए क्योंकि गुणों की सर्वत्र पूजा होती है। प्रत्येक व्यक्ति में कोई ना कोई गुण अवश्य होता है और जो इन्हें ग्रहण कर लेता है उसका जीवन सुखमय बन जाता है। गुणहीन व्यक्ति को हमेशा तिरस्कार की भावना से देखा जाता है। इसलिए गुणों को ग्रहण कर जीवन सफल बनाने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने नवपद ओली की अराधना का महत्व बताते हुए अधिक से अधिक संख्या में आयंबिल, एकासणा, बियासणा आदि करने के लिए प्रेरित किया। साध्वी स्वस्ति प्रज्ञा ने भजन प्रस्तुत किया। श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंघवी ने आगामी ३० मार्च को केकड़ी से रवाना होने वाले छ:रि पालित पैदल संघ के बारे में अवगत करवाया।
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