ब्यावर, 30 सितंबर। राधाकृष्ण रासलीला समिति के तत्वावधान में आयोजित रसमयी रासलीला में दशावतार का मंचन किया गया। स्वामी सीताराम शर्मा ने कहा कि हिन्दू धर्म में विभिन्न देवताओं के अवतार की मान्यता है। जब मानव अन्याय और अधर्म के दलदल में खो जाता है, तब उसे सही रास्ता दिखाने हेतु भगवान अवतार लेते हैं।
भगवान विष्णु के दस अवतार माने गए हैं जिन्हें दशावतार कहते हैं। पहले तीन अवतार मत्स्य, कूर्म और वराह प्रथम महायुग में अवतरित हुए। पहला महायुग सतयुग या कृत युग है। नृसिंह, वामन, परशुराम और राम दूसरे अर्थात् त्रेतायुग में अवतरित हुए। कृष्ण और बलराम द्वापर युग में अवतरित हुए। इस समय चल रहा युग कलयुग है। भागवत पुराण की भविष्यवाणी के आधार पर इस युग के अंत में कल्कि अवतार होगा। इससे अन्याय और अनाचार का अंत होगा तथा न्याय का शासन होगा जिससे सतयुग की फिर से स्थापना होगी। संयोजक रामगोपाल अग्रवाल, मुन्ना प्रजापति, सुमित सारस्वत, नटवर अरोड़ा, सुगनचंद दगदी, अशोक पसारी, आसकरण कुमावत ने दशावतार का पूजन किया। मिथलेश अग्रवाल, साधना सारस्वत, नीता कुमावत, यल्पना भाटी, राधा चतुर्वेदी, वृंदा गोयल, पूजा प्रजापति, संगीता पसारी, कांता सोमानी, प्रमिला शर्मा, किरण अग्रवाल, रवि शर्मा, गोविंद अग्रवाल, धीरज गोयल सहित बड़ी संख्या में रसिक भक्त शामिल हुए।
