ढिकवानी व रातई में बंद है मनरेगा काम

फ़िरोज़ खान
बारां 3 दिसंबर । ढिकवानी व रातई गांव में मनरेगा काम बंद होने के कारण मनरेगा श्रमिक बेरोजगार बैठे हुए है । रातई निवासी बद्रीलाल सहरिया व हरिओम सहरिया ने बताया कि लंबे समय रोजगार नही मिलने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । उन्होंने बताया कि इस गांव के सहरिया समुदाय के करीब 70-80 परिवार निवास करते है । ऐसे में इन परिवारों के लोग रोजगार के अभाव में खाली हाथ बैठे है । इसी तरह ढिकवानी निवासी विष्णु जाटव व कमलेश सहरिया ने बताया कि बीच मे 5 दिन की मस्टररोल चलकर बन्द हो गयी । उसके बाद से अभी तक भी इस गांव के सहरिया परिवारों को रोजगार नही मिला है । उन्होंने बताया कि बजट नही होने के कारण काम नही चल रहा है । इस का खामियाजा सहरिया समुदाय के श्रमिकों को उठाना पड़ रहा है । यही नही उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत में कई बार आवेदन किये गए मगर उसके बाद भी अभी तक काम नही दिया गया है । साथ ही उन्होंने बताया कि मेठ पुरानी डिमांड के आधार पर ही मस्टररोल जारी करवा लेते है और काम चालू कर देते है । ऐसे में जिन लोगो ने नए आवेदन किये है उनके नाम मस्टररोल में नही आते है । और कई लोगो को रोजगार से वंचित रहना पड़ता है । इन दोनों गांवो के सहरिया समुदाय के श्रमिकों ने बताया जॉबकार्ड भर जाने के कारण पुराने जॉबकार्ड ग्राम पंचायत में जमा करवा लिए गए है,और भी तक कई श्रमिको को नए जॉबकार्ड भी नही दिए गए है । श्रमिको ने इन दोनों गांवो में नए जॉबकार्ड व मनरेगा में रोजगार देने की मांग की है । मनरेगा सहायक कार्यक्रम अधिकारी महिपाल मीणा ने बताया कि ढिकवानी की 125 श्रमिकों की मस्टररोल जारी कर दी गयी है । मंगलवार से तालाब खुदाई के कार्य पर लेबर चालू कर दी जावेगी । वही रातई गांव की मस्टररोल की जिओ टेकिंग में तकनीकी खराबी आने के कारण मस्टररोल जारी नही हो पायी है । इसके लिए प्रयास जारी है एक दो दिन में जारी कर दी जाएगी । क्षेत्र में अधिकांश पंचायतो में मनरेगा का काम चल रहा है । जिन जिन लोगो ने रोजगार मांगा है उनको बराबर प्राथमिकता से रोजगार दिया जा रहा है । और जिन गांवों में मनरेगा बंद है वहाँ के आवेदन लेकर आने वाले पखवाड़े से काम शुरू कर दिया जावेगा ।

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