महाविद्यालय के विधि विधार्थियों द्वारा न्यायिक कार्यवाहियों के व्यवहारिक एवं तकनीकी ज्ञान की जानकारी के अन्तर्गत बीकानेर के विभिन्न न्यायालयों का भ्रमण किया गया।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अनन्त जोषी ने बताया कि विद्यार्थियों ने महाविद्य़ालय के व्याख्याताओं डॉ बाल मुकुन्द व्यास, डॉ रीतेष व्यास, डॉ. राकेश धवन,, डॉ. शराफत अली के नेतृत्व में अलग अलग समुह बनाकर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, अपर जिला एवम् सत्र न्यायाधीश मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट व सिविल न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालयों में चल रही सिविल एवं फौजदारी प्रकरणों के विभिन्न स्तरों के बारे में जानकारी प्राप्त की तथा न्यायालय में चल रहे मुकदमे में वकीलों की बहस को सुना व प्रक्रियात्मक कार्यवाहीयों का अवलोकन किया व न्यायालय की तकनीकी प्रक्रियाओं को जाना।
विद्यार्थियों ने अतिरिक्त सेषन न्यायालय महिला उत्पीडन प्रकरण में न्यायाधीष महोदय श्री रोजष जी शर्मा ने राज्य बनाम जगमोहन के मामले में आई. पी. सी. की धारा 376 से संबंधित मामलों को निपटाने की व्यवहारिक प्रक्रिया के बारे में अवगत करवाया।
पारीवारीक न्यायालय में न्यायधीष श्री विनोद कुमार सोनी ने विद्यार्थियों को सी.आर.पी.सी. धारा 125 तथा हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 13 में विवाह विच्छेद से संबधित प्रक्रियात्मक कार्यवाही की व्यवहारिक जानकारी देते हुए कानूनी बारिकियों से अवगत कराया।
विद्यार्थियों ने विषिष्ट न्यायीक मजिस्ट्रेट एन.आई.एक्ट. श्रीमती यासमीन खान से न्यायालय मे चल रही कार्यवाही के बारे में जानकारी प्राप्त की तथा न्यायालय में चल रही विधिक कार्यवाही को भी बारिकी से जाना। इसके साथ ही विद्यार्थियों ने पीठासीन अधिकारी से विभिन्न प्रष्न पूछ कर अपनी जिज्ञासाओं का शांत किया।
इसके अलावा विद्यार्थियों ने किराया अधिकरण, एनडीपीएस, विभिन्न अतिरिक्त सेषन न्यायालयों में चल रही कार्यवाहीयों को देखा तथा वहां उपस्थित अधिवक्ताओं तथा पीठासीन अधिकारीयों से न्यायालय में चल रही कार्यवाही के बारे में जानकारी प्राप्त की।
इस अवसर पर बीकानेर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं बार कॉसिंल ऑफ राजस्थान के सदस्य एडवोकेट कुलदीप शर्मा ने विद्यार्थियों को क्रिमीनल मुकदमों की सेषन न्यायालय की सम्पूर्ण प्रक्रिया के बारे में विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि विधि के सैद्धान्तिक एवं व्यवहारिक पहलुओं में कुछ अन्तर होता है इसी अन्तर को कम करने का प्रयास इस तरह की न्यायिक भ्रमणों द्वारा किया जाता है जिससे विद्यार्थी अधिवक्ता के रूप में अपने कैरियर की सही शुरुआत करने में कामयाब होते हैं।
प्रायोगिक प्रभारी डॉ. बालमुकुन्द व्यास ने पीठासीन अधिकारियों तथा बीकानेर बार के अधिवक्ताओं एवं स्टाफ का सक्रिय सहयोग के लिए महाविद्यालय की ओर से आभार व्यक्त किया।