हजारों जायरीन अदा की जुम्मे की नमाज

अजमेर। आठ मोहर्रम को जहां इमाम हुसैन के चाहने वाले उनकी याद में मशगूल रहे, वहीं मोहर्रम की नूरानी फिजाओं के बीच हजारों जायरीन ने जुम्मे की नमाज अदा की। नमाज के लिए नमाजियों की अकीदत देखते ही बनती थी। दरगाह शरीफ का कोना कोना नमाजियों से आबाद हो गया। उनकी सफें दरगाह शरीफ  को पार करते हुए दरगाह बाजार में मोती कटला से आगे तक पहुंच गई।
इस मौके पर इन्तेजामिया ने नमाजियों की हिफाजत और सहूलियत के लिए पूरे बन्दोबस्त किये। जिला कलेक्टर वैभव गालरिया ने नमाज के लिए आठ जोनल मजिस्ट्रेट मुकर्रर किये थे, जिन्होंने बखूबी अपने फर्ज को अंजाम दिया। दस्तूर के मुताबिक नमाज के वक्त 4 तोपें चलाई गई। पहली तोप पर सुन्नतें अदा की गई। दूसरी तोप पर खुतबे के वक्त चली जमात खड़ी होने के वक्त तीसरी तोप चलाई गई। नमाज खत्म होने का ऐलान चौथी तोप से किया गया। दरगाह शरीफ की शाहजहांनी मस्जिद में नमाज शहर काजी जनाब मौलाना तौसिफ  अहमद सिद्दीकी साहब ने अदा कराई।
जुम्मे के रोज मशहूर फिल्मी अदाकार रजा मुराद यहां आए। रजा मुराद अपने एहलो अयाल के साथ आस्ताने शरीफ में गये। वहां उन्होंने अकीदत के फूल और चादर पेश किये और दुआएं मांगी। उन्हें जियारत खादिम कुतुबुद्दीन सखी ने कराई। जुम्मे के रोज ही जम्मू कश्मीर से आये एक सद्भावना दल ने दरगाह जियारत की। इनमें कश्मीर के कई इलाकों के लोग शामिल थे।
मोहर्रम की नूरानी फिजाओं में गुजिश्ता शब आशिकाने हुसैन ने अंजुमन सैयद जादगान की जानिब से बनाये गये बड़े ताजिये पर हजरते कासिम की याद में मेहंदियां पेश कर उन्हें याद किया। मेहन्दी की रस्म के लिए औरतों और बच्चों में खासा जोश था। दरगाह इलाके के तकरीबन हर घर से मेहंदी पेश की गई। साथ ही अलम चढ़ाये गये। ताराशाह नगर और नागफनी से आने वाली मेहंदियों में मुसलमानों के साथ साथ हिन्दू भाइयों ने भी शिरकत की। ताराशाह नगर विकास समिति की जानिब से पूर्व पार्षद प्रताप यादव का दस्तारबंदी कर इस्तकबाल किया गया। इस मौके पर किन्नर बड़े अदब और एहतराम के साथ अपने सरों पर मेहंदी लेकर बड़े ताजिये शरीफ  पर पहुंचे और मेहंदी पेश की।
गुजिस्ताहशब ही अजमेर की कदीमी रिवायतों के मुताबिक गुलाम भाई की मेहन्दी ईशा की नमाज के बाइ जुलुस की शक्ल में अन्दरकोट से दरगाह के निजाम गेट तक गई। तमाम रास्ते जुलूस में अखाड़ा पार्टियों ने फने सिपागिरी के नायाब नमूने पेश किये और जबरदस्त फन का मुजाहेरा किया। जुलूस में भीलवाड़ा से आये बैंड ने ईमाम हुसैन और करबला के शहीदों की याद में कलाम पेश किये। जुलूस में सबसे आगे गुलाम भाई के खानदान वाले चल रहे थे।
गुजिस्ताशब अन्दरकोट हथाई पर नातिया मुशायरा हुआ। मुशायरे की निजामत फखरूद्दीन फखर ने की। मुशायरे में शायर शेख कमर, अजीज कोटवी, शेख अयाज, सोहेल ईशरत, हाजी चांद खां और अजमतुल्ला खान अजमत समेत अजमेर के नामी शोराओं ने हिस्सा लिया। जिसमें उस्ताद शायर जनाब कमर आसीफ और मन्नान राही अजमेरी भी शामिल थे।
जहां हाईदौस के लिए अन्दरकोट पंचायत के लोगों में जज्बा है, वहीं हिफाजत के पेशे नजर लड़ाई झगड़ा रोकने की गरज से पुलिस ने भी मुकम्मल इंतेजाम किये हैं। दरगाह थाना पुलिस ने हाईदोस में अमनों अमान बनाये रखने के लिए अन्दरकोट पंचायत के सदर मंसूर खान, मोहर्रम कन्वीनर सईद खान, नौजवानों के लीडर जाईद खान और साबिक काउंसलर मुख्तार अहमद नवाब समेत 60 अफराद को पाबंद करने की कार्यवाही की। इन सभी ने सीटी मजिस्ट्रेट की अदालत में जमाना मुचलके के पेश किये।
जुम्मे के रोज ईशा की नमाज के बाद अजमेर के सबसे बड़े ताजिये की सवारी दरगाह शरीफ  के निजाम गेट से शुरू होकर छतरी गेट तक जायेगी। दौराने सवारी मिलाद पार्टियां सलातो सलाम का नजराना और मरसिये पेश करेंगी।
error: Content is protected !!