विदिषा 17 अगस्त 2019/ स्थानीय अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय मेडिकल कॉलेज में विश्व अंगदान दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यशाला में चिकित्सा विद्यार्थियों एवं गणमान्य नागरिकों के माध्यम से समाज को अंगदान की महती आवश्यकता, अंग प्रत्यारोपण के तरीकों आदि की व्यापक तथा प्रभावी जानकारी दी गई। कार्यक्रम के विशेष अतिथि श्रीहरि वृद्धाश्रम के संचालक वेदप्रकाश शर्मा ने इस अवसर पर बताया कि वृद्धाश्रम में निवासरत 90 प्रतिशत बुजुर्गाे को देहदान-अंगदान हेतु प्रेरित किया गया है, जिनमे से इस वर्ष दिवंगत हुए 2 वृद्धजनो के पार्थिव शरीर चिकित्सा विद्यार्थियों के प्रायोगिक अध्ययन हेतु मेडिकल कालेज को प्रदान किए गए है। उंन्होने मेडिकल कालेज के चिकित्सकों-प्रोफेसरों की सेवा भावना और समर्पण की प्रशंसा करते हुए कहा कि विदिशा क्षेत्र में चिकित्सा सेवा की नई सम्भावनाएं साकार हो रही है।
इस अवसर पर महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो.डॉ.सुनील नदेश्वर द्वारा समाजसेवी विकास पचौरी के माध्यम से एक देहदानी को प्रमाण पत्र प्रदान कराया गया। कार्यशाला में प्राध्यापकों ने बताया कि मृत्यू के बाद भी दिवंगत व्यक्ति किसी मरते व्यक्ति की जिंदगी बचाकर भी लंबे समय तक जीवित रह सकता है। वर्तमान में अंगदान समाज की महती आवश्यकता है। भारत के प्रत्येक अस्पताल में अंगदान की कमी से बड़ी संख्या में मृत्यू का आंकड़ा बढ़ रहा है, जबकि यदि एक व्यक्ति अंगदान करता है तो 8 जाने एक साथ बच सकती हैं। कार्यशाला में प्राध्यापकों ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से भारत में अंगदान की आवश्यकता एवं उपलब्ध अंगों की जानकारी देकर अंगदान हेतु सामाजिक स्तर पर व्यापक प्रयास की आवश्यकता जताई। प्राध्यापकों ने बताया कि भारत मे 2 लाख किडनी मरीजो के विरुद्ध 5000 किडनी, 5000 हार्ट के विरुद्ध 100 हार्ट, 50,000 लीवर के विरुद्ध 750 लीवर ही उपलब्ध हो पा रहे है। अंगदान को बढ़ाने हेतु महाविद्यालय के डीन प्रोफेसर डॉ.सुनील नंदेश्वर के निर्देशन में चिकित्सा विद्यार्थियों ने एक नुक्कड़ नाटक के माध्यम से अंग दान के महत्व को जनसामान्य तक पहुंचाने का प्रेरक-सार्थक प्रयास किया। कार्यशाला में अंगदान के नए कानून एवं अंगदान की बढ़ती तस्करी रोकने के लिए बने कानून के पालन करने और अंग प्रत्यारोपण की नई सम्भावनाओ पर भी विस्तार से मंथन किया गया।