अजमेर सहित राजस्थान के भी अधिकांश शहर की हर बरसात में यही सूरत होती है। एक तो नालों में गंदगी और दूसरी और उनमें अतिक्रमणों ने शहरों की सड़कों को ही दरिया बना दिया है। थोड़ी सी बरसात के बाद ही हर शहर में एक-दो घंटे तो सड़कों पर निकलना तक मुश्किल हो जाता है,क्योंकि उन पर नाले बहते हैं। अधिकारियों ,पार्षदों और ठेकेदारों का गठबंधन करोड़ों रुपए हर साल नालों की सफाई के नाम पर अपनी जेबों में डाल लेता है। और भुगतते हैं शहर के लोग। इसके लिए जिम्मेदार आम लोग और व्यापारी भी नहीं कम नहीं है । जो नालों को पूरे साल कचरे से भरते रहते हैं और फिर बरसात में खुद ही तकलीफ पाते हैं।
ओम माथुर/9351415379