बजाज एलायंज को किया गया अधिकृत
अजमेर, एक जुलाई। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए अधिसूचना जारी की गई है। अजमेर जिले में योजना के क्रियान्वयन के लिए बजाज एलायंज जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लि. राज्य सरकार द्वारा अधिकृत की गई है। वर्ष 2020 में फसली ऋण लेने वाले कृषक, गैर ऋणी कृषक एवं बटाईदार कृषकों द्वारा फसलों का बीमा करवाया जा सकेगा। जिले में बाजरा, उडद, कपास, मूंगफली, ग्वार, ज्वार, मक्का, मूंग एवं तिल फसले योजनान्तर्गत संसूचित है।
कृषि विभाग के उप निदेशक श्री वी.के. शर्मा ने बताया कि अजमेर जिले के कृषक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत अपनी फसलों का बीमा करवा सकेंगे। इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। अजमेर जिले के लिए बाजरा, उडद, कपास, मूंगफली, ग्वार, ज्वार, मक्का, मूंग एवं तिल फसलों के बीमा हो सकेंगे। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में फसल बीमा करवाना पुर्णतया स्वैछिक है। ऋणी कृषकों को योजना से पृथक रहने के लिए 8 जुलाई से पूर्व सम्बधित वित्तीय संस्था में इस बाबत् घोषणा पत्र प्रस्तुत नहीं करना होगा। यह घोषणा पत्र सम्बधित बैंक शाखा में उपलब्ध करवाया गया है। घोषणा पत्र प्रस्तुत करने वाले कृषकों को स्वतः ही योजना में सम्मिलित माना जाएगा। खरीफ मौसम 2020 के लिए फसलों का बीमा करवाने के लिए समस्त कृषकों को सम्बंधित बैंक अथवा वित्तीय संस्था को आधार क्रमांक अथवा आधार नामांकन संख्या अनिवार्य रुप से उपलब्ध करवानी होगी।
उन्होंने बताया कि अधिसूचित ईकाई क्षेत्र एवं अधिसूचित फसल के लिए ऋणी कृषकों को किसी वित्तीय संस्थान (सहकारी बैंक एवं सहकारी समिति, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, व्यवसायिक बैंक एवं भूमि विकास बैंक आदि) द्वारा खरीफ 2020 मौसम के लिए फसल ऋण की सीमा अनुमोदित (स्वीकृत) की गई है। ऋणी कृषक को 15 जुलाई तक ऋण वितरित किया गया है। अन्तिम तिथि तक ऋण लेने वाले सभी कृषकों का इस योजना के अन्तर्गत बीमा करना बैंको के लिए अनिवार्य होगा। ऋणी कृषकों का प्रीमियम उनके ऋण खातों से वसूल किया जायेगा। ऋणी कृषकों द्वारा बीमित फसल में परिवर्तन की सूचना वित्तीय संस्थान को देने की अंतिम तिथि 13 जुलाई निर्धारित की गई है।
उन्होंने बताया कि गैर ऋणी कृषक अपनी फसलो का बीमा 15 जुलाई तक निकट के केन्द्रीय सहकारी बैंक, क्षैत्रीय ग्रामीण बैंक, वाणिज्यिक बैंक की शाखाओं, अधिसूचित बीमा कम्पनी के एजेण्ट अथवा सी.एस.सी. (कॉमन सर्विस सेन्टर) के माध्यम से संबंधित बीमा कम्पनी में निर्धारित दर से फसल बीमा हेतु प्रीमियम राशि जमा करवानी होगी। गैर ऋणी कृषक द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तोवेजों को ऑनलाइन स्कैन कर अपलोड करना अनिवार्य होगा। इन दस्तावेजों में आधार कार्ड की प्रति, जमीन बटाई का शपथ पत्र (बटाईदार होने पर), नवीनतम गिरदावरी की नकल, बैंक खाते के पास बुक की प्रति जिसमें आईएफएससी कोड व खाता संख्या अंकित हो या खाते के रद्द चेक, कृषि या राजस्व विभाग के कार्मिकों द्वारा जारी बुवाई प्रमाण पत्र आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत कम वर्षा अथवा प्रतिकूल परिस्थितियों में बुवाई बाधित होने की स्थिति, खडी फसल (बुवाई से कटाई) में सूखा,लम्बी सूखा अवधि, बाढ, जल प्लावन, कीट एव व्याधि, भू-स्खलन, प्राकृतिक आग एवं बिजली का गिरना, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात, टाइफून, समुद्री तूफान, भंवर एवं बवंडर से होने वाले उपज में नुकसान के लिये व्यापक जोखिम राज्य सरकार द्वारा संपादित फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त उपज आंकडों के आधार पर बीमा कवर प्रदान किया जाएगा।
इसी प्रकार तात्कालिक सहायता अधिसूचित फसल की मध्य अवस्था तक प्रतिकूल मौसमी स्थितियों बाढ, सूखा, दीर्घकालिक शुष्क अवधि, कीट-व्याधि के कारण अधिसूचित इकाई में अधिसूचित फसल की सम्भावित उपज फसल की सामान्य उपज से 50 प्रतिशत से कम होने की स्थिति में, फसल कटाई उपरांत सूखने के लिये खेत में काटकर फैलाकर छोडी गई फसल को चक्रवात, चक्रवाती वर्षा एवं असामयिक वर्षा तथा ओलावृष्टि से होने वाले नुकसान के लिये कटाई उपरांत अधिकतम 02 सप्ताह (14 दिन) की अवधि के लिए, अधिसूचित क्षेत्र के आंशिक कृषि भूमि क्षेत्र में ओलावृष्टि, भू-स्खलन, बादल फटना, प्राकृतिक आग एवं जलप्लावन से व्यक्तिगत आधार पर हुए नुकसान पर प्रदान की जाएगी।
उन्होंने बताया कि फसलों के नुकसान की सूचना बीमा कम्पनी के टोल फ्री नम्बर 18002095959 पर नुकसान के 72 घण्टे के भीतर तथा लिखित रूप से नुकसान के 7 दिवस के भीतर निर्धारित प्रपत्र में बीमा कम्पनी के कार्यालय में, बैंक, कृषि विभाग के अधिकारियों, जिला पदाधिकारियों के माध्यम से सम्बधित बीमा कम्पनी को नुकसान के 7 दिवस के भीतर निर्धारित प्रपत्र में देनी होगी।
उन्होंने बताया कि जिले में बीमित राशि एवं प्रीमियम राशि फसलवार निर्धारित की गई है। देय प्रीमियम बीमित राशि का अधिकतम 2 प्रतिशत तथा उद्यानिकी एवं वाणिज्यिक फसलो के लिए अधिकतम 5 प्रतिशत ही कृषक द्वारा वहन किया जाएगा। शेष राशि का 50-50 प्रतिशत के अनुपात में केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा देय होगा। प्रति हैक्टर बाजरा के लिए बीमित राशि 27805 रूपये के लिए प्रीमियम 556, उडद के लिए बीमित राशि 36068 रूपये के लिए प्रीमियम 721, कपास के लिए बीमित राशि 33901 रूपये के लिए प्रीमियम 1695, मूंगफली के लिए बीमित राशि 70675 रूपये के लिए प्रीमियम 1414, ग्वार के लिए बीमित राशि 29975 रूपये के लिए प्रीमियम 600, ज्वार के लिए बीमित राशि 15813 रूपये के लिए प्रीमियम 316, मक्का के लिए बीमित राशि 22922 रूपये के लिए प्रीमियम 458, मूंग के लिए बीमित राशि 44927 रूपये के लिए प्रीमियम 899 तथा तिल के लिए बीमित राशि 24863 रूपये के लिए प्रीमियम 497 रूपए कृषक को देना होगा।