dr. j k gargवे भगवान श्रीकृष्ण ही थे, जिन्होंने अर्जुन को श्री मदभगवदगीता के माध्यम से कायरता से वीरता, विषाद से प्रसाद की ओर जाने का दिव्य संदेश दिया था। भगवान क्रष्ण ने हमेशा कर्तव्य परायणता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी थी | भगवान श्रीकृष्ण ही वे व्यक्ति थे, जिन्होंने अर्जुन को श्रीमदभगवदगीता के माध्यम से कायरता से वीरता, विषाद से प्रसाद की ओर जाने का दिव्य संदेश दिया था। सर्वाधिक विषेले कालिया नाग के फन पर नृत्य करने वाले भी क्रष्ण ही थे | युवराज दुर्योधन के राजसी भोजन को त्याग कर महात्मा विदुर जी के यहाँ रुखी साग रोटी खाने वाले भी क्रष्ण ही थे | देवराज इंद्र का दर्भ-अहंकार नष्ट करने हेतु सम्पूर्ण गोवर्धन पर्वत को अपनी अगुंली पर उठाने वाले गिरिधारी भी क्रष्ण ही थे। महाभारत युद्ध के दोरान उचित समय आने पर भीम से दुर्योधन की जंघा पर प्रहार करवाने वाले भी क्रष्ण ही थे | शिशुपाल की 100 गलतियों को माफ़ करने के बाद उसकी 101वी गलती पर सुदर्शन चक्र से वध करने वाले भी श्री क्रष्ण ही थे | महाभारत युद्ध में अर्जुन के सारथी बनकर पाण्डवों को विजय दिलवाने वाले भी भगवान क्रष्ण ही थे। सच्चे मित्र धर्म को निभाने वाले एवं ग़रीब सुदामा के पोटली में से कच्चे चावलों को खाकर उसके बदले सुदामा को राज्य एवं सौभाग्य देने वाले भी कान्हा ही थे।
प्रस्तुतिकरण—–डा. जे. के. गर्ग