शिक्षित देश बनाना है

हिमानी पारीक
पढ़ो-पढ़ो
हाँ, पढ़ो-पढ़ो ।
बढ़ो-बढ़ो
हाँ, बढ़ो-बढ़ो ।
फिर ये दुनिया होगी
अपनी मुट्ठी में….
हाँ, मुट्ठी में ।
नहीं पढ़ोगे रुक जाओगे,
कोई किसी से ठुक जाओगे ।
आपस में तुम बंट जाओगे ,
धाराओं से कट जाओगे ।
इसीलिए सबसे कहती हूँ
पढ़ो-पढ़ो
हाँ, पढ़ो-पढो ।
बढ़ो-बढ़ो
हाँ, बढ़ो-बढ़ो ।
पढ़कर हमको गुनना है ,
पथ के काँटे चुनना है ।
सबको साथ लिए चलना ,
रखना है मिलना- जुलना ।
कोई पीछे छूटे ना ,
आपस में हम रूठे ना ।
मंज़िल हमको पाना है ,
शिक्षित देश बनाना है ।
इसीलिए सबसे कहती हूँ
पढ़ो-पढ़ो
हाँ, पढो-पढ़ो ।
बढ़ो-बढ़ो
हाँ, बढ़ो-बढ़ो ।

– *हिमानी पारीक*, अध्यापिका
रा.उ.प्रा.विद्यालय, सूरजपुरा
( श्रीनगर ) अजमेर

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