*केकड़ी_ 26 अप्रैल(पवन राठी)
देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच लगातार रिकॉर्ड्स टूटते जा रहे हैं। महामारी को लेकर लोगों के मन में डर व्याप्त होने लगा है। देश के जाने-माने डॉक्टर्स लोगों को लगातार महामारी से जुड़ी अहम जानकारियां उपलब्ध कराने की कोशिश में लगे हुए हैं। कोरोना की वर्तमान स्थिति पर एम्स दिल्ली के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया, मेदांता के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहन, एम्स में मेडिसिन के प्रोफेसर और एचओडी डॉ. नवीत विग और हेल्थ सर्विसेस के डायरेक्टर जनरल डॉ. सुनील कुमार विस्तारपूर्वक चर्चा कर रहे हैं। चर्चा में मेदांता के डॉ. त्रेहन ने बताया कि जैसे ही किसी भी कोरोना मरीज की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, उसे तुरंत स्थानीय डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।सभी डॉक्टरों को प्रोटोकॉल के बारे में मालूम है और वे उसी के अनुसार, ट्रीटमेंट शुरू कर सकते हैं। अगर सही समय पर दवा दी जाए तो 90 फीसदी कोरोना मरीज घर पर ही ठीक हो सकते हैं। डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि कोरोना की खबरों पर ज्यादा फोकस नहीं करें सिर्फ सेलेक्टेड खबरें ही देखें। कोरोना के प्रोटोकॉल्स का ध्यान रखें। कोरोना वायरस की दूसरी लहर में हर उम्र के लोग संक्रमित हो रहे हैं। कुछ में जहां हल्के लक्षण दिख रहे हैं तो वहीं कई गंभीर मरीज भी सामने आ रहे हैं। कोरोना के गंभीर मामलों में मरीज को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ रहा है, जबकि हल्के या मध्यम मामलों में घर पर रहकर ही लोग अपना इलाज कर रहे हैं। इसे ही होम आइसोलेशन कहा जा रहा है। होम आइसोलेशन में मरीज खुद को घर के अन्य सदस्यों से अलग रखता है और डॉक्टर की सलाह पर अपना ट्रीटमेंट करता है। ऐसे में अगर कोई भी होम आइसोलेशन में हैं और खुद अपना ट्रीटमेंट कर रहे हैं तो इन बातों को ख्याल रखना बहुत जरूरी है। एम्स की नई गाइडलाइन के मुताबिक अगर पेशेंट में माइल्ड इंफेक्शन है और सांस लेने में किसी तरह की तकलीफ नहीं आ रही, ऑक्सीजन लेवल भी सामान्य है तो उन मरीजों को घर पर रह कर ही सेल्फ आइसोलेशन में रहना चाहिए और फोन पर अपने डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए। कोरोना के मरीज के लिए घर पर हवादार कमरे में अलग से रहना बहुत जरूरी है। मरीज के लिए एक अलग टॉयलेट होना भी जरूरी है। मरीज की देखभाल के लिए घर का कोई सदस्य हो जो उसे भोजन आदि में मदद करे। इसके अलावा इस बात पर नजर रखें कि मरीज के लक्षण गंभीर तो नहीं हो रहे। मरीज को अन्य लोगों से दूरी बनाए रहना चाहिए। उसे हर वक्त तीन या पांच लेयर मास्क पहने रहना चाहिए। हाइजीन मेंटेन करना भी बहुत जरूरी है ऐसे में पेशेंट को कुछ कुछ देर में 20 से 30 सेकंड तक हाथ साबुन से धोना चाहिए।उसके कपड़े, बरतन, चादर आदि अलग से डिटर्जेंट में धोएं। संक्रमित मरीज को दिनभर में 4 से 5 बार ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन की जांच करते रहना चाहिए। अगर ऑक्सीमीटर में 94 या उससे कम लेवल दिख रहा हो तो दो से तीन बार दुबारा जांच करें। इसके बाद भी अगर ऑक्सीजन लेवल नहीं उठता है तो डॉक्टर से संपर्क करें। कोरोना मरीजों को घर का बना गर्म, ताजा और सादा भोजन खाना चाहिए। नारंगी, मौसमी, नींबू पानी आदि विटामिन सी युक्त फलों को डाइट में सेवन करें। इसके अलावा बीन्स, मशरूम, दाल, चिकन, फिश आदि जैसे पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करना चाहिए। हल्दी, लहसुन, अदरक, दालचीनी जैसे मसालों का सेवन करना चाहिए। दही जैसे प्रोबायोटिक भोजन का सेवन करना चाहिए व पानी भरपूर पीना चाहिए। कोविड पेशेंट को इस बात का बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है कि वे डीहाइड्रेट ना हों। वह दिनभर में भरपूर पानी पिएं। इसके अलावा नीबू पानी, घर का बना जूस आदि फायदेमंद है। भाप भी लेनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि जो लोग कोरोना की वजह से होम आइसोलेशन में हैं वो शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के तनाव झेल रहे होते हैं। उनके मन में कोरोना का डर तो होता ही है वो खुद को अकेला भी महसूस करते हैं। बहुत से लोगों को ये समझ नहीं आता कि वो आइसोलेशन के वक्त खुद का ध्यान कैसे रखें। ऐसे में उनका केयर करना और जल्द से जल्द उन्हें इस बीमारी से उबारने की हिम्मत देना घर वालों की जिम्मेदारी होती है। उन्हें किस तरह का भोजन दिया जाए कि वे जल्द से जल्द रिकवर कर सकें और तमाम कठिनाइयों से उबरने की ताकत उन्हें मिले यह उनके डाइट पर भी निर्भर करता है। हेल्थ लाइन के मुताबिक, बीटरूट वेजिटेबल में नाइट्रेट कॉम्पोनेंट होता है जिसको नियमित खाने से ब्लड वेन्स रिलैक्स होते हैं और शरीर में ब्लड फ्लो और ऑक्सीजन की आपूर्ति ठीक रहती है। यही नहीं आयरन से भरे फल और सब्जी भी शरीर में हीमोग्लोबिन को बढ़ाता है जो फेफड़े और शरीर के अन्य हिस्सों में ऑक्सीजन की आपूर्ति करता है। इसके अलावा वॉटर मिलन, पम्पकिन, खीरा, बिटरमिलन में मौजूद सिट्रलिन शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड को बढाता है जिससे बॉडी सेल्स को ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है। इसके अलावा, हरी सब्जियों में केल, ब्रोकली, पालक आदि बहुत फायदेमंद है। वहीं लंग फंक्शन को इंप्रूव करने के लिए माचा ग्रीन टी काफी फायदेमंद साबित हो रहा है। इसके अलावा विशेषज्ञ स्वीट पोटैटो और पियर खाने की भी सलाह दे रहे हैं। ये दोनों संक्रमण को दूर करने और इम्यूनिटी को बूस्ट करने में काफी कारगर हैं। काला जीरा भी फेफड़े में इनफ्लामेशन को दूर करता है। कोविड पेशेंट हर तरह की दालों का सेवन कर सकते हैं। सभी दालों में अच्छी मात्रा में प्रोटीन होता है। प्रोटीन के लिए अंडे का सेवन भी किया जा सकता है। इसके अलावा दही, मूंगफली आदि प्रोटीन रिच फूड को भोजन में शामिल करने की बहुत आवश्यकता होती है। प्रोटीन ना केवल कोरोना की वजह से डैमेज्ड मसल्स सेल्स को रिपेयर करता है, कोविड की वजह से हुए कमजोरी को भी जल्द से जल्द रिकवर करता है।