अजमेर । कांग्रेस ने राष्ट्रपति के समक्ष मांग रखी कि देश में प्रतिदिन एक करोड़ वैक्सीनेषन सुनिष्चित करने व भारत के हर नागरिक को यूनिवर्सल मुक्त वैक्सीनेषन दिलवाने के लिए भारत सरकार को निर्देशित करें।
प्रदेश कांग्रेस के निर्देशानुसार शहर एवं देहात जिला कांग्रेस कमेटी के संयुक्त नेतृत्व में विधायक एवं पूर्व विधायकों के एक शिष्टमंडल ने जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित से मुलाकात कर राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा।
कांग्रेस के निवर्तमान प्रवक्ता मुजफ्फर भारती के अनुसार राष्ट्रपति के नाम भेजे ज्ञापन में बताया गया कि कोविड-19 ने लगभग हर भारतीय परिवार को अप्रत्याषित तबाही एवं असीम पीड़ा दी है। दुख की बात है कि मोदी सरकार ने कोरोना से लड़ने की अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है और लोगो को उनके हाल पर छोड़ दिया है। सच्चाई यह है कि केन्द्र की भाजपा सरकार कोविड-19 के अपराधिक कुप्रबंधन की दोषी है।
उग्र कोविड-19 महामारी के बीच वैक्सीनेषन ही एकमात्र सुऱक्षा है। मोदी सरकार की वैक्सीनेषन की रणनीति भारी भूलों की एक खतरनाक काॅकटेल है। भाजपा सरकार ने ‘‘वैक्सीनेषन की योजना’’ बनाने का अपना कर्तव्य ही भुला दिया। भाजपा सरकार निंदनीय रूप से ‘‘वैक्सीन की खरीद’’ से बेखबर रही। केन्द्र सरकार ने जानबूझकर एक ‘‘डिजिटल डिवाईड’’ पैदा किया, जिससे वैक्सीनेषन की प्रक्रिया धीमी हो गई। केन्द्र सरकार ने ‘‘विभिन्न कीमतों के स्लैब’’ बनाने में जानबूझकर मिलीभगत की, यानि एक ही वैक्सीन के लिए अलग अलग कीमते तय की, ताकि आम आदमी से आपदा में लूट की जा सके।
जहाॅं अन्य देषों में मई 2020 से वैक्सीन खरीदने के आॅर्डर देने शुरू कर दिए थे, वही मोदी सरकार ने भारत को इसमें विफल कर दिया। केन्द्र सरकार ने वैक्सीन का पहला आॅर्डर जनवरी, 2021 में जाकर दिया। जनपटल पर मौजूद जानकारी के अनुसार मोदी सरकार, राज्य सरकारों ने 140 करोड़ की जनसंख्या के लिए आज तक केवल 39 करोड़ वैक्सीन खुराकों का आॅर्डन दिया है।
भारत सरकार के अनुसार 31 मई 2021 तक केवल 21.31 करोड़ वैक्सीन ही लगाई गई। लेकिन वैक्सीन की दोनो खुराकें केवल 4.45 करोड़ भारतीयों को ही मिली है, जो भारत की आबादी का केवल 3.17 प्रतिषत है। पिछले 134 दिनों में, वैक्सीनेषन की औसत गति लगभग 16 लाख खुराक प्रतिदिन है। इस गति से, देष की पूरी व्यस्क जनसंख्या को वैक्सीन लगाने में तीन साल से ज्यादा समय लग जाएगा। यदि ऐसे ही चलता रहा, तो हम देष के नागरिकों को कोरोना की तीसरी लहर से कैसे बचा पाएंगे, इस सवाल का जवाब मोदी सरकार को देना होगा।
इस विक्राल महामारी के बीच हमारे देष के नागरिक कोरोना से संक्रमित हो रहे है, लेकिन मोदी सरकार वैक्सीन का निर्यात करने में व्यस्त है। केन्द्र की भाजपा सरकार आज तक वैक्सीन की 6.63 खुराक दूसरे देषो को निर्यात कर चुकी है। यह देष के लिए सबसे बड़ा नुकसान है।
मोदी सरकार द्वारा वैक्सीन के लिए तय की गई अलग अलग कीमतें लोगो को पीड़ा से मुनाफाखोरी का एक और उदाहरण हैै।
सीरम इंस्टीट्यूट की कोविडषील्ड की एक खुराक की कीमत मोदी सरकार के लिए 150, राज्य सरकारों के लिए 300 और निजी अस्पतालों के लिए 600 है। भारत बायोटेक की कोवैक्सीन की एक खुराक की कीमत मोदी सरकार के लिए 150, राज्य सरकारों के लिए 600 और निजी अस्पतालों के लिए 1200 हैं। निजी अस्पताल एक खुराक के लिए 1500 तक वसूल रहे है। दो खुराकों की पूरी कीमत की गणना इसी के अनुसार होगी। मोदी सरकार द्वारा एक ही वैक्सीन की तीन अलग-अलग कीमतें तय करना लोगो की पीड़ा से मुनाफाखोरी कमाने का नुस्खा है।
आज जरूरत है कि केन्द्र सरकार वैक्सीन खरीदे और राज्यों एवं निजी अस्पतालों को निषुल्क वितरित करेें, ताकि वह भारत के नागरिकों को मुफ्त लगाई जा सके। इससे कम कोई भी काम भारत एवं भारत के नागरिकों का बड़ा नुकसान है।
साथ ही हमें 31 दिसम्बर 2021 तक या उससे पहले 18 साल से अधिक आयु की पूरी व्यस्क जनसंख्या को वैक्सीन लगाने का काम पूरा करने की जरूरत है। देष के नागरिकों का बचाव करने का यही एकमात्र रास्ता है। इसका एकमात्र उपाय है कि एक दिन में कम से कम एक करोड़ लोगो को वैक्सीन लगाई जाए, न कि एक दिन में औसतन 16 लाख लोगो को।
इसलिए हम राष्ट्रपति जी से निवेदन करते है कि आप मोदी सरकार को दिन में एक करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाए जाने एवं यूनिर्वसल मुफ्त वैक्सीनेषन का निर्देष दे। कोविड-19 महामारी से लड़ाई एवं इस बीमारी को हराए जाने का यही एकमात्र रास्ता है। हर भारतीय को कोरोना से जीत दिलाने का भी यही एकमात्र रास्ता है।
ज्ञापन देने वालों में मसूदा विधायक राकेश पारीक शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन देहात कांग्रेस अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह राठौड़ पूर्व मंत्री नसीम अख्तर इंसाफ पूर्व विधायक डॉ राजकुमार जयपाल डॉ श्री गोपाल बाहेती रामनारायण गुर्जर महेंद्र गुर्जर हाजी कयूम खान ब्रह्मदेव कुमावत नाथूराम सिनोदिया हाजी इंसाफ अली कैलाश कोमल कमल वर्मा मनवर कायमखानी मुजफ्फर भारती मौजूद थे।