कला मंज़र के ऑनलाइन मंच पर छाए सुरों के संग संस्कृति के रंग

जयपुर// संस्था कला मंज़र जयपुर द्वारा वर्चुल सम्मान समारोह आयोजित किया गया जिसमें नॉन फिल्मी शास्त्रीय व लोक गीतों की ऑनलाइन एकल गायन प्रतियोगिता ” सुरों के संग संस्कृति के रंग” के परिणामों की घोषणा की गई।
मीनू गैरा भसीन के सहयोग से आयोजित इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती उषा श्री व विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री अशोक पंड्या व प.आलोक भट्ट ने शिरकत की साथ ही राजस्थान के कई लोक कलाकार भी शामिल हुए।
दिव्यांग संगीतकार शिवम कुमार की सरस्वती वंदना से शुरुआत की गई। निर्णायक मंडल में संजय रायजादा,लियाक़त अली,शिखा माथुर,कविता माथुर शामिल थे। प्रियदर्शिनी मिश्रा का मंच संचालन भी प्रभावशाली रहा।
संस्था की महासचिव मीनाक्षी माथुर ने बताया कि कुल 84 वीडियो प्रविष्ठि के रूप में आये जिनमें 4 वीडियो दिव्यांग ग्रामीण लोक गायकों के थे। लोक व शास्त्रीय गायन के अलग अलग कुल छः वर्गों में इस्माइल मिरासी, इरफान खान लंगा, लाडू खान मांगणियार, फाल्गुनी शर्मा, इकबाल खान, रिहाना मिरासी, राकेश मिरासी, सुनीता सपेरा, रवि राजस्थानी, मुक्त वार्ष्णेय, विनीता शर्मा, वीरेंद्र सिंह राठौड़, सुरभि, चाँदनी वैष्णव, अमीर सैन, प्रियंका जौहरी, मुनसाद खान, निशा गंधर्व, धीरज राय,कृष्ण महबूब, पूनम माथुर, हर्षित खंडेलवाल विजेता रहे।
अधिकांश विजेता ग्रामीण अंचलों के लोक कलाकार हैं।

error: Content is protected !!