प्राण घातक हमले के आरोपी को 7 साल की सजा

अपर जिला एवम सत्र न्यायाधीश संख्या 2 केकड़ी ने धारा 307 के मुलजिम को सात साल की जेलव30 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई ।
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केकड़ी 10 अगस्त (पवन राठी) अपर जिला एवम सत्र न्यायाधीश संख्या 2 केकड़ी ने धारा 307 (प्राण घातक हमले) के मुलजिम रुस्तम शाह उर्फ रुस्तम अली पुत्र गफूर शाह निवासी बांदनवाड़ा को 7 साल के कठोर कारावास एवम 30 हजार के जुर्माने से दंडित करने का आदेश खुले न्यायालय में सुनाया।
प्रकरण के संक्षिप्त तथ्य अपर लोक अभियोजक परवेज नकवी के अनुसार इस प्रकार से है :-5 अक्टूबर 2011 को परिवादी कंवर अली ने पुलिस थाना भिनाय में इस आसय कि दी थी कि हमारे छोटे दादा का लड़का रुस्तम जमीन के बंटवारे को लेकर चल रहे विवाद में 4 अक्टूबर 2011 को रात में लगभग डेढ़-दो बजे मेरे पिताजी सरदार मकान के बाहर खाट पर सो रहे थे मैं भी बच्चे को लेट्रिन आने के कारण उठा था परिवार के अन्य सदस्य भी उठ गए थे अचानक मेरे पिताजी की मार दिया मार दिया कि आवाज आई तभी हम हमारे पिताजी के पास गए तो हमने देखा कि पिताजी खाट से उठकर जाने लगे तो उनको रुस्तम ने रोक कर कुल्हाड़ी से वार किया जो सिर में चोट लगी और चिल्लाने लगा कि आज तुम्हे जान से खत्म कर दूंगा और रुस्तम कुल्हाड़ी लेकर वंहा से भाग गया।
इसके बाद कंवर अली ने पुलिस थाना भिनाय में रिपोर्ट दर्ज करवाई।
पुलिस थाना भिनाय ने मुकदमा संख्या 246दिनांक 5 अक्टूबर 2011 दर्ज जांच उपरांत आरोपी के विरुद्ध कोर्ट में चालान पेश किया।अभियोजन की और से 16 गवाहों का परीक्षण करवाया गया व 20 प्रदर्श पेश किए गए।अपर लोक अभियोजक परवेज नकवी व परिवादी की और से मनोज आहूजा ने पैरवी करते हुए दलीलें दी की घटना के संबंध में सभी गवाहों ने घटना की ताईद की है इसके साथ ही हमले में उपयोग की गई कुल्हाड़ी सहित चिकित्सकीय साक्ष्य से भी प्राण घातक चोट करना साबित होता है।इन सभी दलीलो से सहमत होते हुए उक्त सजा सुनाई गई और आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में केंद्रीय कारागार अजमेर भेजा गया।

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