पारसी समुदाय का नवरोज यानी नव वर्ष आज

राजेन्द्र गुप्ता
पारसी नववर्ष का इतिहास हर वर्ष की तरह इस वर्ष 16 अगस्त 2021 को पारसी नववर्ष मनाया जा रहा है। पारसी नववर्ष पारसी समुदाय के लिए एक नये जन्म के समान होता हैं । पारसी लोग इस नवरोज भी करते है, जिसका अर्थ होता है “नया दिन”। पारसी समुदाय के लोग नववर्ष को काफी धूम-धाम से मनाते हैं । लोग एक-दूसरे से गले मिलते हैं।एक-दूसरे को मिठाईयां खिलाते हैं ।
पारसी समुदाय के लोग पारसी धर्मशाला में जाते हैं । और अपने ईश्वर की प्रार्थना करते हैं । लोग अपने घरों को सजाते हैं । मोमबत्ती जलाते है। घरों में कई प्रकार की लाइट लगाते हैं।

1380 ईस्वी पूर्व जब ईरान में धर्म परिवर्तन की एक लहर चली, जिसमें देश के कई लोगों अपना धर्म परिवर्तन कर लिया लेकिन कुछ लोग देश छोड़कर भारत आ गये। यहां आकर उन्होंने आज तक अपने धर्म और संस्कारों को सुरक्षित रखा हैं । भारत में खास बात तो यह कि यहां लोग धर्म परिवर्तन के सख्त खिलाफ हैं ।

पारसी मान्यता के आधार पर अगर कोई लड़की किसी अन्य समुदाय के लड़का से शादी करती है, तो उसके पति और बच्चे को इस पारसी समुदाय में शामिल नहीं किया जाता हैं । ठीक इसी प्रकार जब कोई लड़का किसी अन्य धर्म की लड़की से शादी करता है तो बच्चे को धर्म से जोड़ लेते है किन्तु लड़की को धर्म में शामिल नहीं करते हैं ।
अगर हम ईरानी पारसी नववर्ष की बात करे तो ईरानी पारसी नया वर्ष 20 या 21 तारीख को मनाते है। ईरानी पारसी इस दिन को काफी धूम-धाम से मनाते हैं।पारसी लोग धर्मशाला में जाते हैं।

इस दिन लोग घरों को साफ करते हैं । अच्छी-अच्छी पकवाने बनाते हैं । लोग एक-दूसरे से मिलने आते हैं । खुशी मनाते है। नये-नये कपड़े पहनते हैं। छोटे बच्चों को उपहार देते हैं ।

राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9611312076
नोट- अगर आप अपना भविष्य जानना चाहते हैं तो ऊपर दिए गए मोबाइल नंबर पर कॉल करके या व्हाट्स एप पर मैसेज भेजकर पहले शर्तें जान लेवें, इसी के बाद अपनी बर्थ डिटेल और हैंडप्रिंट्स भेजें।

error: Content is protected !!