राष्ट्र पिता के जीवन की अविस्मरणीय घटनायें Part 5
अहिसक सत्याग्रह के जरिये आजादी को प्राप्त करने का होंसला सिर्फ बापूजी में था | उन्होंने हिसां को अपना परम धर्म माना था | वो तो सत्यता की साक्षात मूर्ति थे वे तो कहा करते थे कि जहाँ सत्य है वहीं सच्चा धर्म भी है | गांधीजी हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई फ़ारसी सभी आपस में भाई भाई को मानते थे | सांप्रदायिक सोहार्द के लिये अपने जीवन को बलिदान करने वाले भी गांधीजी ही थे | अति हिंदूवादी नाथूराम गोडसे ने उन्हें सदा के लिये हमसे छीन लिया था | बापूजी का प्रिय भजन रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीता राम ईश्वर अल्लाह एक ही नाम सभी को सन्मति दें भगवान में निहित भावना को अमली जामा पहनाने की आज सबसे ज्यादा जरूरत है | समाज के अंदर व्याप्त साम्प्रदायिक अविश्वास को परस्पर सद्दभाव और विश्वास बनाये रखने की आज सबसे ज्यादा जरूरत है और ऐसा करके ही हम बापूजी को सच्ची श्रधान्जली दे पायेगें |
बापूजी के 152 वें जन्म दिन यानि 2 अक्टूबर 2021 को हम सभी आत्म चिंतन करें और सोचें कि क्या हम बापू के आदर्शों और शिक्षाओं को मानते है या वोट प्राप्ति के लिये उनके नाम का उपयोग कर के अपना स्वार्थ साधते है | आज भी संसार के सैकडों राज नेता और धार्मिक नेता संत उनको एक महान पुरुष मानकर उन्हें याद करते है | हम सभी भारतीयों को यह प्रण लेना चाहिये कि हम गांधीजी के सपनों का भारत बनाएंगे |
जे.के. गर्ग
पूर्व संयुक्त निदेशक कॉलेज शिक्षा