लैंगिक समानता व बालिका शिक्षा को दिया बढ़ावा

दिनाक 13 -11 -2021 को अजमेर के ग्रामीण क्षेत्र में राजस्थान समग्र कल्याण संस्था द्वारा लैंगिक समानता और शिक्षा को ले कर युवा युविकाओ का समहू बना कर लेंगिक समानता के विषय में बात की | साथ ही ये बताया गया की समाज में धर्म ,जाति, संस्कृति, भाषा के आधार पर बढ़ते भेदभाव को नष्ट करना है डॉ एस एन शर्मा का मानना है सामाजिक असमानता के स्तर के बारे में सब जानते है भाषा, जाति, धर्म, लिंग, स्थान, संस्कृति और रिवाज़ जैसे सामाजिक अंतर के पक्षपात पीढ़ी दर पीढ़ी अपनाए जाते हैं।

बच्चे का लिंग, आर्थिक वर्ग, स्थान और जातीय पहचान काफी हद तक यह पहचान करवा देते हैं कि बच्चा किस तरह के स्कूल में पढ़ेगा, स्कूल में उसे किस तरह के अनुभव मिलेंगे और शिक्षा प्राप्त करके वे क्या लाभ प्राप्त कर सकेगा। आज के समय में जब कक्षाओं में विविध परिवेशों से आने वाले विद्यार्थियों की संख्या अधिक है और इसलिए यह अत्यंत आवश्यक हैकि भेदभाव भूल कर, प्रत्येक बच्चे को समान शिक्षा देने की ज़िम्मेदारी उठाई जाए। संस्था अपना प्रयास कर रही जिससे समाज और ग्रामीण क्षेत्रों में लैंगिक समानता को ले कर होने वाले भेदभाव को नष्ट किया जाये |

error: Content is protected !!