हाईकोर्ट ने परीक्षा रद्ध कर राज्य सरकार को सौंपा नाकारापन का सर्टिफिकेट-देवनानी

-कनिष्क न्यायायिक सहायक, कनिष्क सहायक एवं क्लर्क भर्ती परीक्षा रद्ध करने पर देवनानी ने दी प्रतिक्रिया।
-साल में 5 बडी परीक्षा आयोजित, सभी का विवादों में रहना सरकार पर प्रश्न-चिन्ह।
-नकारा कांग्रेस सरकार को 1 मिनट भी सत्ता में रहने का अधिकार नही।

प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर, 4 जून।
पेपर लीक के चलते कनिष्क न्यायायिक सहायक, कनिष्क सहायक एवं क्लर्क भर्ती परीक्षा रद्ध होने पर पूर्व शिक्षा मंत्री एवं वर्तमान अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने राज्य सरकार को आडे हाथों लिया। देवनानी ने कहा कि प्रदेश में सालभर के दौरान पांच बडी प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित हुई जिसमें से एक कनिष्क न्यायायिक सहायक, कनिष्क सहायक एवं क्लर्क भर्ती परीक्षा को पेपर लीक होने के चलते हाईकोर्ट को रद्ध करना पडा। हाईकोर्ट द्वारा यह बडी भर्ती परीक्षा रद्ध करना कहीं न कहीं राज्य सरकार को नाकारापन का सर्टिफिकेट है। प्रदेश के लाखों विद्यार्थियों के भविष्य के साथ हो रहे खुलमखुल्ला खिलवाड को रोक सकने में नाकाम नाकारा सरकार को एक मिनट भी सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है।
देवनानी ने कहा कि कांग्रेस सरकार प्रश्न-पत्र लीक मामलों में नया कीर्तिमान स्थापित करती जा रही है। गत 1 वर्ष में प्रदेश में एसआई, रीट, जेईएन, पुस्तकालय अध्यक्ष ग्रेड-3 और कनिष्क न्यायायिक सहायक, कनिष्क सहायक एवं क्लर्क इत्यादि आधा दर्जन प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन हुआ। हरएक परीक्षा का पेपर आउट होने के समाचार सामने है। प्रश्न पत्र लीक होने के चलते उच्च न्यायालय को कनिष्क न्यायायिक सहायक, कनिष्क सहायक एवं क्लर्क भर्ती परीक्षा को रद्ध करना पडा। चैकाने वाली बात तो यह है कि जो कार्य राज्य सरकार को करना चाहिए था वह उच्च न्यायालय को करना पडा। साल भर में आयोजित परीक्षाओं में साफ तौर पर प्रश्न-पत्र लीक के प्रमाण मिल चुके है फिर भी राज्य सरकार अब तक पेपरों को लीक घोषित करने से बच रही है।
उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार और उसमें बैठी बडी ‘मुर्गियों’ की मिलीभगत के चलते पेपर लीक प्रकरण से जुडे गिरोह के हौंसले बुलंद है। लीक प्रकरण के अहम दोषी आज भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। रीट परीक्षा प्रश्न पत्र लीक प्रकरण के अहम दोषी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जारौली आज भी फरार चल रहे हैं। दोषी लोगों का पकड से बाहर रहना कोई दुर्घटनावश नहीं बल्कि योजनाबद्ध तरीके से प्रदेश में इस काम को अंजाम दिया जा रहा है। गहलोत सरकार में बैठे बडे लोगों की सह पर ऐसे लोगों को भूमिगत रखने का काम बडी चतुराई से जारी है। इतना ही नहीं अहम दोषी के नाम तो आज भी बाहर नही ं है। राज्य सरकार इन सभी प्रकरणों की निष्पक्ष सीबीआई जांच कराए तो काला सच सबके सामने आना तय है। चेतावनी देते हुए देवनानी ने कहा की भले ही मुख्यमंत्री गहलोत सत्ता का दुरूपयोग करते हुए दोषी लोगों को बचा ले लेकिन समय आने पर सरकार के सभी काले कारनामों का हिसाब होगा। जनता सही समय पर कांग्रेस को सबक सीखाने का कार्य करेगी।

error: Content is protected !!