दिल्ली, 9 अगस्त, 2022: समाज के वंचित तबकों के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन करने को समर्पित स्टार्टअप एनजीओ नयी सुबह फाउंडेशन ने खास जरूरतों वाले लोगों के लिए व्यवहारिक ज्ञान, एथलेटिक्स, कला और सेवाओं के साथ संतुलित शिक्षा उपलब्ध करा रहे एक गैर लाभकारी संगठन शौर्य फाउंडेशन के साथ गठबंधन करने की घोषणा की है। फरीदाबाद में आगामी पेंट एन्सिलरी यूनिट आनंदकंद पैरामाउंट प्रोडक्ट्स के साथ इन दोनों एनजीओ ने एक असिस्टेड एंप्लायमेंट प्रोग्राम “पैकेजिंग पैंथर्स” पेश किया है। इस पहल का उद्देश्य युवा न्यूरोडायवर्स व्यक्तियों के लिए टिकाऊ रोजगार पैदा करना है।
इस पहल के जरिये नयी सुबह की साझीदार कंपनी आनंदकंद पैरामाउंट अपनी पलवल साइट पर शौर्य फाउंडेशन से चुनिंदा व्यक्तियों का चयन अर्द्धकुशल पैकेजिंग और उत्पादन कार्य के लिए करेगी जिससे शौर्य फाउंडेशन ट्रस्ट से शुरूआत में 12 चुनिंदा न्यूरोडायवर्स व्यक्तियों के लिए रोजगार का सृजन होगा।
नयी सुबह फाउंडेशन की संस्थापक तारिणी मल्होत्रा ने कहा, “प्रतिभाशाली न्यूरोडायवर्स कार्यबल में व्याप्त संभावनाओं का दोहन करने और उनके अनूठे कौशल और क्षमताओं का उपयोग कर प्रगतिशील रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की जरूरत है। शौर्य फाउंडेशन और आनंदकंद पैरामाउंट प्रोडक्ट्स के साथ इस पहल के जरिये हम ना केवल युवा न्यूरोडायवर्स व्यक्तियों के उत्थान के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन कर सकेंगे, बल्कि उनकी आय सृजन की क्षमता, आत्मसम्मान और स्वतंत्रता भी बढ़ा सकेंगे।”
शौर्य फाउंडेशन ट्रस्ट के संस्थापक और अध्यक्ष रवि गुप्ता ने कहा, “शौर्य फाउंडेशन बौद्धिक अल्पता वाले व्यक्तियों को मजबूत और सशक्त करने की दिशा में काम करता है। हमने एक अनूठा रोजगार मॉडल तैयार किया है जिसमें उनके लिए कंपनी के भीतर ही काम का वातावरण मिलता है। पैकेजिंग और उत्पादन के लिए पैकेजिंग पैंथर्स यूनिट स्थापित की गई है जिससे वे गुणवत्ता और मानक पर समझौता किए बगैर काम कर सकें और एक सहयोगी वातावरण में आय अर्जित कर सकें।”
इस अवसर पर आनंदकंद पैरामाउंट प्रोडक्ट्स के प्रबंध निदेशक आयुष बंगा ने कहा, “मुझे इस बात की बेहद संतुष्टि है कि हमारे पास ऐसे विशेष लोग आ रहे हैं जो अनुभव बढ़ाते और अपना करियर बनाते हुए हमारे कारोबार में योगदान करेंगे। नयी सुबह फाउंडेशन की मदद से हम एक ऐसे विशेष समुदाय को अपने यहां लगाने में समर्थ होंगे जिसे आमतौर पर आय सृजन और एक समृद्ध जीवन जीने का आमतौर पर कोई अवसर नहीं मिलता।”