लम्पी स्कीन डिजीज देशभर के मवेशियों के लिए इन दिनों आफत बना हुआ है, लम्पी स्कीन डिजीज की वजह से क्षेत्र में बड़ी संख्या में मवेशियों की मौत हो चुकी है।
राठौड़ ने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में अधिकतर किसानों की आय का प्रमुख स्रोत पशुपालन है। पशुओं में यहां सिर्फ गाय ही ज्यादातर पाली जाती है, लम्पी बीमारी के चलते बहुत बड़ी संख्या में गाय संक्रमित है या मर चुकी है। वहीं इस बिमारी का शिकार हुई गायों का दूध भी बाजार में कोई लेने को तैयार नहीं है। इसके चलते पशुपालकों, किसानों की आजीविका पर बड़ा संकट आ गया है। इन विकट परिस्थियों को ध्यान में रखते हुए सरकार को आर्थिक राहत देने की ओर कदम उठाना चाहिए।
राठौड़ ने कहा कि इस क्षेत्रों में अधिकतर लोगों की आजीविका का साधन इन गायों पर ही निर्भर था, इसलिए सरकार को इस समय उन सभी पीड़ित मालिकों को आर्थिक मदद करनी चहिए। प्रदेश सरकार को ग्राम विकास अधिकारी और राजस्व कर्मचारियों के मार्फ़त सर्वे करवाकर पशुपालकों, किसानों को उचित मुआवजा देना चाहिए। ज़िले का पशुपालक हताश है, उसे हमारा सहयोग मिलना चाहिये।
राठौड़ ने केन्द्र सरकार से भी मांग की है कि इस महामारी को वर्तमान व भविष्य में रोकथाम के लिये वैक्सीन की व्यवस्था करवा पशुधन को तबाह होने से बचाया जाना चाहिये।
– देवेंद्र जोशी ( कार्यालय श्री आज़ाद सिंह राठौड़, बाड़मेर )
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