टाको के सहयोग से रणथंभौर टाइगर रिज़र्व के संरक्षण कार्यों में तेजी

सवाई माधोपुर, नवंबर, 2022: वेदांता के जनकल्याण प्रभाग अनिल अग्रवाल फाउंडेशन (एएएफ) के प्रोजेक्ट द एनिमल केयर ऑर्गनाइजेशन (टाको) के सहयोग से आज रणथंभौर नेशनल पार्क में बाघ अभयारण्य एवं आसपास की आबादी की निगरानी और सतर्कता बढ़ाने के मकसद से 6 पैट्रोल वाहनों में पहले को झंडी दिखा कर रवाना किया गया। वेदांता की गैर-कार्यकारी निदेशक और टाको की एंकर प्रिया अग्रवालहेब्बार ने सवाई माधोपुर के माननीय विधायक एवं राजस्थान के मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री दानिश अबरार के साथ वाहन को झंडी दिखा कर रवाना किया। इस अवसर पर सवाई माधोपुर के जिला कलेक्टर श्री सुरेश कुमार ओला भी मौजूद थे।

प्रिया अग्रवालहेब्बार ने पशूओं की बेहतर देखभाल और कल्याण के अनुकूल परिवेश बनाने के लक्ष्य से टाको का गठन किया। शुरुआती बजट 100 करोड़ के साथ यह प्रोग्राम हरियाणा और राजस्थान में पहले से सेवारत है और कई अन्य भारतीय राज्यों में इसका विस्तार किया जाएगा।

इससे पूर्व इसी वर्ष अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर टाको ने वन विभाग, राजस्थान सरकार को 1 करोड़ रुपयों का योगदान दिया। इस राशि से वन विभाग के पैट्रोल वाहन खरीदे गए ताकि रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान में निगरानी के साथ संरक्षण के मौजूदा प्रयासों में तेजी आए और इसकी बुनियादी व्यवस्था मज़बूत हो।

सुश्री प्रिया अग्रवाल हेब्बार ने इस अवसर पर कहा, “रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान जैव विविधता का गढ़ है, जिसमें बड़ी संख्या में वनस्पति और जीव हैं। यहां बाघ जैसे सर्वोपरि शिकारी जंतु भी रहते हैं। टाको के सहयोग से प्राप्त पैट्रोल वाहन जैव विविधता के इस इकोलॉजिकल हॉटस्पॉट के संरक्षण में बहुत उपयोगी होंगे। ये वाहन वन रक्षकों को सशक्त बनाएंगे और निगरानी और सतर्कता व्यवस्था को मजबूत कर वन्यजीवों का सकल संरक्षण सुनिश्चित करेंगे।’’

सवाई माधोपुर के माननीय विधायक और राजस्थान के मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री दानिश अबरार ने इस बारे में बताया, “बाघ हमारे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक हैं और रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान बाघों का नैसर्गिक आवास है। अनिल अग्रवाल फाउंडेशन के टाको ने इस अभयारण्य की पैट्रोलिंग व्यवस्था मजबूत करने की जो पहल की है मुझे उसकी हार्दिक खुशी है। राजस्थान सरकार भी समग्र वन्यजीव संरक्षण, अवैध शिकार की रोकथाम और जंतु कल्याण के लिए सुरक्षित परिवेश देने की ओर अग्रसर रही है। मुझे विश्वास है कि टाको की यह पहल इस दिशा में बड़ी सफलता दिलाएगी।’’

सन् 2018 के सेंसस के अनुसार भारत में 2,967 बाघ हैं जो दुनिया के किसी देश में सर्वाधिक संख्या है। राजस्थान सरकार ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के तहत बाघों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, अवैध शिकार और अतिक्रमण रोकने की कई गंभीर पहल कर चुकी है।

रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान देश के सबसे बड़े और सबसे प्रसिद्ध बाघ अभयारण्यों में से एक है। यह राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में है। राजस्थान का यह राष्ट्रीय उद्यान 74 रॉयल बंगाल टाइगर का अभयारण्य होने के लिए मशहूर है। इतना ही नहीं, इस राष्ट्रीय उद्यान में कई अन्य जंतु रहते हैं जिनमें स्लाथ बेयर, सियार, चीतल (चित्तकबरा हिरण), दलदल के मगरमच्छ, पाम सिवेट और तेंदुए भी शामिल हैं।

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