अजमेर की पावन धरा पार्श्वनाथ कॉलोनी वैशाली नगर में आज पूज्य गणिनी आर्यिका 105 स्याद्वादमति माताजी की परम शिष्या गणिनी आर्यिका 105 यशस्विनी माताजी संसघ का भव्य मंगल प्रवेश हुआ
माताजी ने प्रातकाल 7:00 बजे बूढ़ा पुष्कर से मंगल विहार प्रारंभ किया जो शोभायात्रा के रूप में परिवर्तित होकर रीजनल कॉलेज चौराहे से एमपीएस स्कूल होते हुए मित्तल चेंबर पार्श्वनाथ कॉलोनी 9:00 बजे
पहुंचा
21 स्वागत द्वार लगाकर माताजी के पाद प्रक्षालन किए गए जैन धर्म की जय जयकार नारों से कॉलोनी परिसर गुंजायमान हो उठा माताजी ने प्रवचन देते हुए कहा कि अजमेर की धरती पर आज मेरा आगमन 10 वर्षों बाद हुआ है अजमेर की धरती पर धर्म सदा जीवंत रहा है साधुओं के प्रति अपार भक्ति के लिए अजमेर विश्व में प्रसिद्ध है साधुओं के सेवा भाव को बनाए रखें सच्चा धर्म पथ है
सम्मेद शिखर तीर्थ की रक्षा करना हर जैनियों का कर्तव्य है माताजी ने प्रवचन में कहा कि जब भी धर्म की लड़ाई हो अपना सर्वस्व धर्म के प्रति लगा देना चाहिए तीर्थ सम्मेद शिखर जैन धर्म की शान है और रहेगा हमें सावधान होना पड़ेगा तीर्थ को बचाना होगा
जागृति मंच के अध्यक्ष सुनील जैन होकरा ने बताया कि मंगल प्रवेश कार्यक्रम में प्रदीप पाटनी राजेश काला विनय पाटनी अजय दोषी कैलाश चंद्र सेठी प्रेमचंद बड़जात्या महावीर अजमेरा अशोक अजमेरा विपिन चांदीवाल विशाल अजमेरा सहित सैकड़ों महिला-पुरुष ने अपनी सहभागिता प्रदान की
मेड़ता से पधारे हुए अतिथियों का समाज की ओर से अभिनंदन किया गया अध्यक्ष सुनील जैन ने बताया कि 20 दिसंबर को प्रातः काल वात्सल्य रत्नाकर आचार्य विमल सागर जी महाराज का 28 वा समाधि दिवस माता जी के सानिध्य में मनाया जाएगा