पार्श्वनाथ कॉलोनी वैशाली नगर में प्रवचन सभा को संबोधित करते हुए गणिनी आर्यिका 105 यशस्विनी माताजी ने कहा कि अभिमान कुल का नाश कर देता है अभिमानी व्यक्ति अभिमान का त्याग कर कर स्वाभिमान से जीने की कोशिश करें तो योग्यता को यथार्थ रूप मिल जाता है हर इंसान में योग्यता है लेकिन इस योग्यता को वह अभिमान ना करें अभिमान करने से योग्यता तो जाएगी साथ में सब कुछ खत्म हो जाएगा इतिहास को जब खंगालते हैं तो देखने में आता है की अभिमान करने वालों का सर्वनाश ही हुआ है
अभिमान और स्वाभिमान में अंतर इतना सा है की अभिमान में विवेक नष्ट हो जाता है और स्वाभिमान विवेक जागृत रहता है जिस व्यक्ति का विवेक जागृत है वह जीवंत है
माताजी ने कहा कि थोड़ी सी काबिलियत इंसान में हो जाए उसका गुरुर सातवें आसमान तक चल जाता है जबकि उसे पता नहीं उस जैसे कहीं जन्मे और चले गए हमेशा अभिमान को जीवन से दूर रखें तभी तरक्की संभव है आज की प्रवचन सभा में सोनिया बड़जात्या ने मंगलाचरण किया और सभा में मधु पहाड़िया मंजू लता गोधा चिंतामणि गोधा किरण जैन आदि उपस्थित थे माता जी के नित्य प्रवचन प्रातः काल 8:30 बजे संत भवन पार्श्वनाथ कॉलोनी में हो रहे हैं
