श्री दिगंबर जैन मुनि संघ सेवा जागृति मंच के तत्वाधान में चल रहे प्रवचन कार्यक्रम में आज यशस्विनी माताजी ने कहा कि सुनने की आदत डालो क्योंकि दुनिया में कहने वालों की कमी नहीं है। कड़वे घूंट पी-पीकर जीने और मुस्कुराने की आदत बना लो क्योंकि दुनिया में अब अमृत की मात्रा बहुत कम रह गई है।
अपनी बुराई सुनने की खुद में हिम्मत पैदा करो क्योंकि लोग तुम्हारी बुराई करने से बाज नहीं आएंगे। आलोचक बुरा नहीं है। वह तो जिंदगी के लिए साबुन-पानी का काम करता है।
माताजी ने कहा कि कर्म क्षेत्र में पुरुषार्थ करने के लिए इंसान सदैव तत्पर रहता है लेकिन धर्म क्षेत्र में पुरुषार्थ करने के लिए इंसान तत्परता नहीं दिखाता। जो इस युक्ति पर विश्वास करते हैं कि जो होना है वह तो होना ही है वे लोग पुरुषार्थ नहीं करते अकर्मण्य हो जाते हैं। वे ऐसा मानने लगते हैं कि करने से क्या होगा जो होना है वह होकर रहेगा। माताजी ने कहा कि पुरुषार्थ अवश्य करें बिना पुरुषार्थ के कुछ नहीं मिलेगा
जागृति मंच के अध्यक्ष सुनील जैन होकरा ने बताया कि माता जी की नित्य प्रवचन पारसनाथ कॉलोनी में हो रहे
आज के प्रवचन कार्यक्रम में मानक बड़जात्या सुबोध बड़जात्या अनुपमा जैन आदि उपस्थित थे