-स्मार्ट सिटी में अजमेर की जनता को 24 घंटे में पेयजल उपलब्ध कराया जाना था, लेकिन धन अन्य कार्यों में लगाया, जनता पानी के लिए तरस रही
-कांग्रेस सरकार के इशारे पर अधिकारियों ने कई ऐसे कार्य कराए, जिनका जनता से कोई वास्ता नहीं
देवनानी ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि अजमेर की पेयजल किल्लत और जनता की परेशानी को देखते हुए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में पेयजल की नियमित उपलब्धता को प्रमुखता दी गई थी। इसमें स्पष्ट रूप से यह व्यवस्था की गई थी कि इस प्रोजेक्ट के तहत सबसे पहले शहर की जनता को 24 घंटे में पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। लेकिन निकम्मी सरकार और उसके मक्कार अधिकारियों ने मनमानी से धन खर्च किया। सरकार ने इस राशि का उपयोग अपने अन्य कामों के लिए किया। यही कारण है कि आज भी अजमेर की जनता पेयजल के लिए तरस रही है।
देवनानी ने कहा कि कलेक्ट्रेट स्थित विभिन्न भवनों का कायाकल्प राज्य सरकार के खजाने से किया जाना चाहिए था, लेकिन यह कार्य स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की राशि से कराकर केंद्र सरकार के धन का दुरूपयोग किया गया। कांग्रेस सरकार के इशारे पर यहां के अधिकारियों ने स्मार्ट सिटी में जानबूझकर कई ऐसे कार्य कराए, जिनका जनता से ना तो कोई वास्ता है और ना ही जनता के लिए उपयोगी हैं। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का मूल उद्देश्य अजमेर की जनता को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना था, किंतु सरकार और अधिकारियों द्वारा इस प्रोजेक्ट को पलीता लगाए जाने से जनता ठगी-सी रह गई।