रात्रि भोजन का त्याग करने वाला सच्चा जेनी है- मुनि श्री सद्भाव सागर जी महाराज

विद्यासागर तपोवन में प्रवचन देते हुए मुनि श्री सद्भाव सागर जी महाराज ने कहा कि जैन कुल में जन्म लेने वाला सच्चा जैनी तभी कहलाएगा जब वह रात्रि भोजन नहीं करेगा मुनि श्री ने कहा कि जैन धर्म की मूल प्रधानता उसके नियम पर आधारित है और जैन कुल में जन्म लेने वाला अगर नियम को नहीं पहचाने गा या नियम को नहीं मानेगा तो केवल जैन कहला सकता है जैन होगा नहीं
पुरूषार्थ देशना ग्रंथ की देशना देते हुए मुनि श्री ने कहा कि आगम परिणित वचनों पर हमेशा ध्यान होना चाहिए हमारे पूर्व आचार्य ने काफी गहन शोध के पश्चात धर्म की विवेचना की है

मुनि श्री संकल्प सागर जी महाराज ने प्रवचन देते हुए कहा कि कुसंगति जीवन को खराब कर सकती है कहीं भी हम बैठे उठे हमें ध्यान रखना चाहिए हम किसके साथ व्यवहार कर रहे हैं कहीं उसकी संगति हमारा जीवन तो खराब नहीं कर रही

विद्यासागर तपोवन में प्रातः काल 7:00 बजे सर्वप्रथम अभिषेक पूजन की क्रिया संपन्न हुई शाम को 6:30 से णमोकार महामंत्र अनुष्ठान में श्रद्धालुओं ने णमोकार महामंत्र का जाप किया

श्री दिगंबर जैन मुनि संघ सेवा जागृति मंच के तत्वाधान में चल रहे चतुर्मास कार्यक्रम के तहत मुनि श्री के प्रवचन प्रातकाल 8:15 बजे विद्यासागर तपोवन में हो रहे हैं

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