अगर सरकार के भीतर सहमति बन गई तो साल में सस्ते मिलने वाले सिलेंडर की संख्या छह से बढ़कर नौ हो जाएगी, मगर इसके लिए ग्राहकों को ज्यादा कीमत अदा करनी पड़ सकती है। वित्त मंत्रालय के भारी विरोध के बावजूद पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने साल में हर परिवार को छह के बजाय सब्सिडी वाले नौ सिलेंडर देने का कैबिनेट नोट तैयार कर लिया है। वैसे, उन्होंने यह भी प्रस्ताव किया है कि अतिरिक्त तीन सिलेंडर के लिए ग्राहकों से प्रति सिलेंडर सौ रुपये ज्यादा वसूला जाए। मंगलवार को पेट्रोलियम मंत्री की तेल कंपनियों के प्रमुखों के साथ लंबी बैठक हुई।
सूत्रों का कहना है कि तेल कंपनियों की खस्ताहाल स्थिति को देखते हुए एलपीजी के साथ ही डीजल की कीमत बढ़ाने के विकल्प पर भी विचार-विमर्श हुआ। कंपनियों को यह आश्वासन दिया गया है कि डीजल के दाम बढ़ाने को लेकर पहले कांग्रेस और सरकार के सहयोगी अन्य दलों के साथ चर्चा की जाएगी।
डीजल कीमत में हर महीने एक रुपये प्रति लीटर की वृद्धि के प्रस्ताव पर मोइली कांग्रेस पार्टी में शीर्षस्थ पदाधिकारियों से बात करेंगे। सब्सिडी वाले सालाना रसोई गैस सिलेंडरों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को रास नहीं आ रहा है।
वित्त मंत्रालय का कहना है कि इससे 9,000 करोड़ रुपये का बोझ सरकार पर पड़ेगा। नतीजतन, राजकोषीय घाटे की स्थिति और बिगड़ेगी। वित्त मंत्रालय के इस विरोध की काट के तौर पर मोइली ने सब्सिडी वाले अतिरिक्त सिलेंडर की कीमत सौ रुपये बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। इससे केंद्र पर सब्सिडी का बोझ कम होगा। लेकिन सूत्रों का कहना है कि मोइली ने अंतिम फैसला लेने की जिम्मेदारी कैबिनेट के जिम्मे डाल दी है। दिल्ली में सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत अभी 410 रुपये है, जबकि गैर-सब्सिडी वाला सिलेंडर 895 रुपये में मिल रहा है।
राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए बनी केलकर समिति ने पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि करने की बात कही थी। समिति ने डीजल की कीमत हर महीने बढ़ाकर सब्सिडी खत्म करने को कहा है। वित्त मंत्रालय भी चाहता है कि इस बारे में कैबिनेट में जल्द फैसला हो।