विगत दिवस फ्रांस के राश्टपति के साथ जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जयपुर आए तो पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे उनका स्वागत करने जयपुर हवाई अड्डे पहुंची। इसे एक चौंकाने वाली घटना माना गया, क्यों कि इससे पहले मोदी जब जयपुर में तीन दिन तक थे, तब वे उनसे मिलने नहीं गई। उसे पूर्वाग्रह से जोड कर देखा गया था। बहरहाल, वसुंधरा राजे का मोदी की अगुवानी के निहितार्थ समझने की कोषिष की ही जा रही थी, दूसरे ही दिन चौकाने वाली एक घटना और हो गई। मुख्यमंत्री भजन लाल षर्मा अचानक वसुंधरा के घर जा पहुंचे। मुलाकात के दौरान क्या चर्चा हुई, कुछ पता नहीं लगा। हो सकता है इन दोनों घटनाओं का कोई अंतर्सबंध न हो, मगर हालात तो यही इजहार कर रहे हैं कि जरूर कोई न कोई रेसिपी बन रही है। वह रेसिपी क्या है, किसी को कुछ पता नहीं। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा कि आखिर हो क्या रहा है? कुल जमा बात ये है कि वसंधरा राजे एक गुत्थी बनी हुई हैं। जिसे राजनीति के धुरंधर तीरंदाज तक नहीं सुलझा पा रहे, सिर्फ कयासों के इर्द गिर्द घूम रहे हैं।