शहीद के पेट में बम, परेशान पुलिस, डॉक्टर और हम

 

नक्सलियों पर आखिर कब तक लगेगी नकेल? जनता से जवान तक इन हैवानों से परेशान हैं। हैवानियत की हद को पार करते हुए नक्सलियों की हिमायत करने वाले भी इस हादसे को हिकारत भरी नजर से देखेंगे। आम से खास तक सबकी हालत पतली है। नक्सलियों के हमले में शहीद एक जवान के पेट में बम मिला है। डॉक्टर से लेकर पुलिस प्रशासन तक हिल गए हैं। सबको यही डर सता रहा है कि कहीं बम फूटा और हम काल के गाल में ना समा जाएं।

झारखंड के लातेहार के अमवाटीकर जंगल में सोमवार को मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए एक सीआरपीएफ जवान का पेट फाड़कर नक्सलियों ने उसमें बम प्लांट कर दिया। फिर पेट की सिलाई भी कर दी। ताकि जब सुरक्षा बल अपने साथी का शव उठाने पहुंचते तो बम को रिमोट से उड़ा दिया जाता। इसका खुलासा बुधवार की रात करीब साढ़े दस बजे तब हुआ, जब रांची स्थित राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में उक्त शहीद के शव से पोस्टमार्टम के लिए कपड़े हटाए गए। डॉक्टर सहित अन्य कर्मी डर गए और तत्काल मेटल डिटेक्टर से जांच की गई तो पेट में धातु होने की जानकारी मिली।

इसके बाद पूरे मामले को बम निरोधक दस्ता के हवाले कर दिया गया है। शहीद जवान बाबू लाल पटेल, उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद स्थित नवाबगंज के शिवलाल कापुरा निवासी मुन्नीलाल पटेल के पुत्र थे। रिम्स के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. ए के चौधरी ने बताया था कि पेट में मेटल होने के संकेत मिले हैं। आज बम स्क्वायड ने पेट में बम की पुष्टि की है। डाक्टर और पुलिस परेशान आखिर पेट से बम निकालें तो कैसे, विस्फोट की आशंका से सभी सहमे हुए हैं। बम निकालने की कवायद जारी है। डॉक्टर भी अब अपनी जान के लिए दुआओं की जरूरत महसूस कर रहे हैं। आलम ये है कि शव के पास कोई फड़कना तक नहीं चाहता है। दरअसल डरने की वजह एक पुरानी घटना भी है। ऐसी ही एक घटना में लातेहार में एक शहीद का शव उठाने के दौरान हुए धमाके में तीन गांव वालों की मौत हो गई है। दो दिनों पहले लातेहार में हुए नक्सली मुठभेड़ में 12 जवानों की मौत हो चुकी है। चार ग्रामीणों की जान भी जा चुकी है।

लातेहार में एक जवान के चिथड़े उड़ने के बाद भी यही कयास लगाया गया था कि नक्सलियों ने शहीदों के शव के नीचे बम लगा दिया था। पुलिस प्रवक्ता एसएन प्रधान ने भी इसकी पुष्टि की। अमवाटीकर जंगल में रविवार से नक्सली लगातार सुरक्षा बलों पर हमले कर रहे हैं। बुधवार शाम सुरक्षा बलों के साथ उनकी लगभग डेढ़ घंटे तक मुठभेड़ चली, इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। मुठभेड़ में शहीदों की संख्या 12 हो गई है। बुधवार को पांच और शहीदों के शव बरामद हुए।

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