ब्रिक्स सीसीआई वी 2024 रिपोर्ट में प्रौद्योगिकी एवं उद्यमशीलता में महिला सशक्तिकरण को रेखांकित किया गया

नई दिल्ली,अप्रैल 2024–ब्रिक्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की महिला सशक्तिकरण इकाई ब्रिक्स सीसीआई वी ने न्यू एरा ऑफ ब्रिक्स-होरिजन्स इन टेक एंड बिजनेस फॉर वुमेन एंपावरमेंट शीर्षक से एक विशेष रिपोर्ट पेश की है। यह रिपोर्ट सभी ब्रिक्स देशों में महिलाओं के लिए प्रौद्योगिकी एवं उद्यमशीलता परिदृश्य पर प्रकाश डालते हुए प्रगति एवं मौजूदा चुनौतियों दोनों को ही रेखांकित करती है। वर्ष 2023 में ब्रिक्स के विस्तार के साथ जिसमें नए सदस्यों को शामिल करना और वैश्विक आबादी एवं अर्थव्यवस्था के एक बड़े हिस्से का प्रतिनिधित्व शामिल है, यह रिपोर्ट प्रौद्योगिकी एवं कारोबार क्षेत्रों में लिंग समानता की पहल के महत्व को रेखांकित करती है। यह रिपोर्ट शीएटवर्क और नॉलेज पार्टनर के तौर पर टेकआर्क के सहयोग से विकसित की गई है और इसका अनावरण पूर्व ब्रिक्स शेरपा और भारत सरकार के सचिव रहे एएमबी संजय भट्टाचार्य (सेवानिवृत्त) द्वारा किया गया।

मुख्य बातें- महिला सशक्तिकरण की महत्वपूर्ण भूमिकाः यह रिपोर्ट टिकाऊ विकास लक्ष्यों (एसडीजी) और आर्थिक एवं सामाजिक वृद्धि को हासिल करने में महिला सशक्तिकरण की अहम भूमिका रेखांकित करती है। ब्रिक्स सदस्यता का विस्तारः वर्ष 2023 में ब्रिक्स का विस्तार किया गया जिससे इसमें विश्व की 47 प्रतिशत आबादी और 36 प्रतिशत जीडीपी शामिल हो गई। यह इसकी बढ़ती विविधता एवं प्रभाव को प्रदर्शित करता है। लिंग समानता को लेकर प्रतिबद्धताः ब्रिक्स देश लिंग समानता पहल को लेकर प्रतिबद्ध हैं जिससे महिलाओं के प्रौद्योगिकीय सशक्तिकरण एवं उद्यमशीलता के महत्व को पहचान मिलती है। डिजिटल समावेश को पासा पलटने वाले एक संभावित घटक के तौर पर रेखांकित किया जाता है।

ब्रिक्स सीसीआई वी की अध्यक्ष एवं sheatwork.com की संस्थापक रूबी सिन्हा ने कहा, “जैसा कि सभी ब्रिक्स देशों में महिलाओं द्वारा टेक्नोलॉजी एवं उद्यमशीलता में की गई प्रगति का जश्न हम मना रहे हैं, यह रिपोर्ट प्रगति का एक प्रमाण होने के साथ ही कार्रवाई का आह्वान भी करती है। ब्रिक्स गठबंधन में नए सदस्यों के शामिल होने और वैश्विक आबादी एवं अर्थव्यवस्था के एक महत्वपूर्ण हिस्से का प्रतिनिधित्व होने के साथ यह अनिवार्य हो जाता है कि हम टेक्नोलॉजी और कारोबार के क्षेत्रों में लिंग समानता की पहल को प्राथमिकता दें। विश्वभर में महिलाओं के लिए उज्ज्वल, अधिक न्यायसंगत भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने के लिए आइये हम नवप्रवर्तन एवं उद्यमशीलता की ताकत का दोहन करें।”

ब्रिक्स सीसीआई की संयुक्त निदेशक सुश्री अंकिता सचदेवा ने कहा, “जैसा कि हमने 2023 में बिक्स का विस्तार होते देखा है, यह स्पष्ट है कि टेक और कारोबार क्षेत्रों में लिंग समानता की पहल पूर्व के मुकाबले कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। हमें ऐसी नीतियों और कार्यक्रमों की सतत वकालत करते रहना होगा जो संसाधनों, अवसरों और मार्गदर्शन तक महिलाओं की पहुंच का समर्थन करे।”

टेकआर्क की निदेशक और सह संस्थापक डाक्टर सहाना कुतब ने कहा, “ब्रिक्स सीसीआई वी 2024 रिपोर्ट महिला उद्यमियों के समक्ष अवसरों और चुनौतियों पर प्रकाश डालती है और साथ ही कारोबार में महिलाओं के लिए अधिक समावेशी एवं सहयोगात्मक वातावरण के निर्माण के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत पर बल देती है।”

देश विशेष अंतर्दृष्टि: ब्राजीलः ब्राजील में उद्यमशीलता का जो ब्रह्मांड है उसके करीब 30 प्रतिशत का नेतृत्व या सृजन महिलाओं द्वारा किया गया है। ऐसे उपक्रम छोटे हैं और वित्त तक उनकी पहुंच सीमित है जिसमें टेक स्टार्टअप्स का केवल 9.8 प्रतिशत महिलाओं द्वारा स्थापित है।

रूसः प्रौद्योगिकी भूमिकाओं में महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय है जहां 40 प्रतिशत अनुसंधानकर्ता महिलाएं हैं। हालांकि, महिलाओं द्वारा स्थापित स्टार्टअप्स के लिए वेंचर कैपिटल फंडिंग निम्न स्तर पर बनी हुई है।

भारतः स्टेम क्षेत्रों में भारतीय महिलाओं की उल्लेखनीय भूमिका है, लेकिन नेतृत्व भूमिका और वेंचर कैपिटल फंडिंग हासिल करने में उनके समक्ष चुनौतियां हैं जहां केवल 0.3 प्रतिशत स्टार्टअप फंडिंग मिल रही है।

चीनः देश के कुल विज्ञान कार्यबल में महिला विज्ञान कर्मचारी करीब 45 प्रतिशत हैं जिससे मानव अंतरिक्ष यान, अंतरिक्ष खोज, मेडिसिन, कंप्यूटर साइंस और विभिन्न अन्य क्षेत्रों सहित उल्लेखनीय प्रयासों में वे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

दक्षिण अफ्रीकाः इस देश के प्रौद्योगिकी दिग्गजों में नेतृत्व स्थितियों में महिलाओं का उल्लेखनीय योगदान है जिसमें 28 प्रतिशत नेतृत्व भूमिकाएं उनके पास हैं।

ईरानः पिछले तीन दशकों में ईरानी कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय रूप से बढ़ी है। विश्व बैंक के मुताबिक महिलाओं की भागीदारी 1990 में 10.5 प्रतिशत थी जो 2020 में बढ़कर 16.8 प्रतिशत पहुंच गई। यद्यपि पश्चिमी देशों के मुकाबले यह अब भी कम है, बढ़ोतरी का यह रुख कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी में महत्वपूर्ण सुधार प्रदर्शित करता है जिससे महिलाओं के लिए लिंग समावेशिता और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में सकारात्मक प्रगति का संकेत मिलता है।

मिस्रः यह देश स्टेम शिक्षा में लिंग विविधता को प्रोत्साहन देने में महत्वपूर्ण प्रगति का प्रदर्शन करता है जहां 30-35 प्रतिशत महिलाएं इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सक्रिय भागीदारी कर रही हैं। ये आंकड़े परंपरागत रूप से पुरुषों के वर्चस्व वाले क्षेत्रों में महिलाओं के समावेश एवं सशक्तिकरण को लेकर मिस्र की प्रतिबद्धता रेखांकित करते हैं। इस प्रगति से मिस्र में महिलाओं के लिए वृहद अवसरों और सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त होता है जिससे व्यापक सामाजिक एवं आर्थिक उन्नति में योगदान मिल रहा है।

इथियोपियाः इथियोपियाई महिलाएं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निरंतर काफी कम प्रतिनिधित्व कर रही हैं जिसमें महिलाओं की अगुवाई वाले कारोबार एवं प्रौद्योगिकी उन्मुखी लघु एवं मध्यम उपक्रमों (एसएमई) में इनकी सीमित उपस्थिति है। महिलाओं में अपार संभावनाएं होने के बावजूद इथियोपिया में महिलाओं के बीच उद्यमशीलता के लिए अवसर पुरुषों के मुकाबले काफी कम है। इसके अलावा, उद्यम लगाने के प्रयासों में महिलाओं के सामने कई तरह की बाधाएं हैं। इन चुनौतियों से निपटने और टेक एवं बिजनेस क्षेत्रों में लिंग समानता को बढ़ावा देने के लिए लक्षित हस्तक्षेप की तत्काल आवश्यकता है।

सऊदी अरबः प्रौद्योगिकी क्षेत्र में महिलाओं की 28 प्रतिशत भागीदारी लिंग समावेश और महिला सशक्तिकरण में उल्लेखनीय प्रगति दर्शाती है जहां डिजिटल उद्यमशीलता में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।

यूएईः सार्वजनिक क्षेत्र में नेतृत्व भूमिकाओं में महिलाओं के 30 प्रतिशत प्रतिनिधित्व का कीर्तमान हासिल कर इस देश ने महिला सशक्तिकरण को लेकर अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है। यह उपलब्धि विविध एवं समावेशी नेतृत्व वातावरण के निर्माण के प्रति यूएई का समर्पण रेखांकित करती है जिससे यह सुनिश्चित होता है कि महिलाओं की आवाज सुनी जाती है और सार्वजनिक क्षेत्र में निर्णय प्रक्रियाओं में इन्हें महत्व दिया जाता है।

यह रिपोर्ट मौजूदा लिंग भेद और बाधाओं से निपटने के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत पर बल देती है और महिला उद्यमियों के लिए लक्षित सहयोग जैसी पहल की वकालत करती है। साथ ही यह विविधता एवं समावेशिता को बढ़ावा देने और महिलाओं के बीच स्टेम शिक्षा को प्रोत्साहन देने की भी वकालत करती है।

ब्रिक्स 2024 रिपोर्ट प्रौद्योगिकी एवं उद्यमशीलता के क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण के महत्व को रेखांकित करते हुए उपलब्धियों एवं सुधार के क्षेत्रों को उजागर करती है। सामूहिक प्रयासों और लक्षित पहल के जरिए ब्रिक्स देशों ने लिंग समानता बढ़ाने और समावेशी आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन देने का लक्ष्य रखा है।

error: Content is protected !!