सैमसंग ने ‘सॉल्‍व फॉर टुमॉरो’ का तीसरा सीजन लॉन्‍च किया

2024 एडिशन ने 90 लाख रूपये से ज्‍यादा के अनुदान की पेशकश की

नई दिल्‍ली, अप्रैल 2024: सैमसंग, भारत के सबसे बड़े कंज्‍यूमर इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स ब्राण्‍ड, ने अपनी प्रमुख सीएसआर पहल ‘सॉल्‍व फॉर टुमॉरो’ के तीसरे संस्‍करण की घोषणा कर दी है। इसका आयोजन फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एण्‍ड टेक्‍नोलॉजी ट्रांसफर (एफआईटीटी), आईआईटी दिल्‍ली, इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और यूनाइटेड नेशंस इन इंडिया के सहयोग से किया जा रहा है। ‘सॉल्‍व फॉर टुमॉरो’ के साथ सैमसंग का लक्ष्‍य देश के युवाओं के बीच अभिनव चिंतन एवं समस्‍या हल करने की संस्‍कृति को बढ़ावा देना है।
‘सॉल्‍व फॉर टुमॉरो 2024’ का उद्घाटन सैमसंग साउथवेस्‍ट एशिया के प्रेसिडेंट एवं सीईओ श्री जेबी पार्क, इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वरिष्‍ठ निदेशक और वैज्ञानिक ‘जी’ डॉ. संदीप चटर्जी और भारत में यूनाइटेड नेशंस के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर श्री शोम्‍बी शार्प ने किया। इस मौके पर अन्‍य पदाधिकारी भी मौजूद थे।
यह सीएसआर कार्यक्रम अभिनव समाधानों की शक्ति और जीवन बदलने में उनकी योग्‍यता को पहचान देता है। इसका मजबूत सामाजिक प्रभाव होता है और सैमसंग का #TogetherforTomorrow #EnablingPeople का नजरिया मजबूत होता है।
इस साल ‘सॉल्‍व फॉर टुमॉरो’ प्रोग्राम ने दो अनूठे ट्रैक पेश किये हैं- स्‍कूल ट्रैक और यूथ ट्रैक। हर ट्रैक एक विशेष थीम का समर्थन करता है और अलग-अलग आयु समूहों पर लक्षित है। दोनों ट्रैक साथ-साथ चलेंगे, ताकि सभी विद्यार्थियों को समान अवसर और स्थितियाँ मिलें।
स्‍कूल ट्रैक 14 से 17 साल तक के विद्यार्थियों के लिये है और इसका थीम है ‘‘कम्‍युनिटी एण्‍ड इंक्‍लूजन’’। यह ट्रैक कम सुविधा-प्राप्‍त समूहों के उत्‍थान के महत्‍व पर जोर देता है। यह सामाजिक नवाचारों के माध्‍यम से स्‍वास्‍थ्‍य की सुलभता बढ़ाने और सभी के सामाजिक समावेश के लिये है और इस प्रकार ‘सॉल्विंग फॉर इंडिया’ है।
दूसरी ओर, यूथ ट्रैक 18 से 22 साल तक के लोगों के लिये है। इसका थीम है ‘‘एनवायरनमेंट एण्‍ड सस्‍टेनेबिलिटी’। यह ट्रैक कार्बन फुटप्रिंट कम करने, पर्यावरण को बचाने और स्‍थायित्‍व को बढ़ावा देने के लिये अभिनव आइडियाज की मांग करता है और इस प्रकार यह ‘सॉल्विंग फॉर द वर्ल्‍ड’ है।
सैमसंग साउथवेस्‍ट एशिया के प्रेसिडेंट एवं सीईओ श्री जेबी पार्क ने कहा, ‘सैमसंग में हम नए-नए आइडियाज़ और बदलाव लाने वाली टेक्‍नोलॉजीज के माध्‍यम से भविष्‍य को प्रेरित करने और आकार देने की कोशिश में रहते हैं। हमारा मिशन नवाचार करने वालों और सामाजिक बदलाव लाने वालों की अगली पीढ़ी को बढ़ावा देने के इर्द-गिर्द है। ‘सॉल्‍व फॉर टुमॉरो’ वाकई भारत के युवाओं के लिये एक प्‍लेटफॉर्म का आकार ले रहा है, ताकि वे सार्थक नवाचार करें और लोगों का जीवन बेहतर बनाएं।
पहले दो संस्‍करणों में हमने सीएसआर की इस पहल का अपनी अगली पीढ़ी पर सकारात्‍मक प्रभाव देखा है। उन्‍होंने नई ऊँचाइयों को छुआ है और सामाजिक उद्यमिता की यात्रा शुरू की है। तीसरे संस्‍करण में दो अलग-अलग ट्रैक की पेशकश करते हुए, हम भारत और दुनिया के लिये साथ-साथ काम करना चाहते हैं। इससे भी महत्‍वपूर्ण है कि प्रमुख सीएसआर कार्यक्रम के माध्‍यम से हम देश में नवाचार के परितंत्र को मजबूती देने में अपनी भूमिका निभाना चाहते हैं।’’
इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाय) के सीनियर डायरेक्‍टर एवं वैज्ञानिक ‘जी’ डॉ. संदीप चटर्जी ने कहा, ‘पर्यावरण और संवहनीय विकास भारत सरकार के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में शामिल हैं। आर्थिक तरक्‍की को गति देने के लिये टेक्‍नोलॉजी को मानवीय क्षमताओं से मिलाने का यह एक महत्‍वपूर्ण मौका है। भारतीय युवाओं के पास नई-नई खोज करने वाला दिमाग और कौशल हैं और वे पर्यावरण की बहुत फिक्र भी करते हैं। तार्किक नवाचारों से दुनिया में जमीनी स्‍तर की विभिन्‍न समस्‍याओं और चुनौतियों को हल किया जा सकता है। ‘सॉल्‍व फॉर टुमॉरो’ जैसे कार्यक्रम युवाओं की शक्ति से भारत सरकार की सोच को साकार करने का सबूत देते हैं।’’
आईआईटी दिल्‍ली के निदेशक प्रोफेसर रंगन बेनर्जी ने कहा, ‘‘हम ‘सॉल्‍व फॉर टुमॉरो’ प्रोग्राम में सैमसंग के महत्‍वपूर्ण भागीदार बनकर उनके साथ अपनी भागीदारी को जारी रखकर सम्‍मानित महसूस कर रहे हैं। यह गठजोड़ समाज में सकारात्‍मक बदलाव लाने के लिये नवाचार को बढ़ावा देने और युवाओं को सशक्‍त करने की प्रतिबद्धता दिखाता है।’’
भारत में यूएन के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर शोम्‍बी शार्प ने कहा, “ मुझे सैमसंग सॉल्‍व फॉर टुमॉरो प्रोग्राम के तीसरे संस्‍करण में भाग लेकर खुशी हो रही है। यह एक रोमांचक पहल है, जो युवाओं द्वारा संचालित नवाचार को प्रोत्‍साहित करती और बढ़ावा देती है, ताकि वे सतत विकास लक्ष्‍यों से जुड़ी चुनौतियों को हल कर सकें। भारत में यूएन का सिस्‍टम निजी क्षेत्र की उन पहलों पर काम करता और सहयोग देता है, जो युवाओं की महत्‍वाकांक्षाओं और नेतृत्‍व को बढ़ावा देती हैं। और सॉल्‍व फॉर टुमॉरो प्रोग्राम भी वैसा ही है। भारत के पास दुनिया में सबसे ज्‍यादा युवा हैं, जो अपनी ऊर्जा और समाधानों से धूम मचा रहे हैं! इसका मतलब यह है कि भारतीय समाधान दुनिया के लिये भी होंगे।‘’
स्‍कूल ट्रैक में 14 से 17 साल तक के लोग एकल या 5 सदस्‍यों तक की टीमों में अपने आइडियाज ‘‘कम्‍युनिटी एण्‍ड इंक्‍लूजन’’ विषय पर दे सकते हैं। और यूथ ट्रैक में 18 से 22 साल तक के लोग एकल या 5 सदस्‍यों तक की टीम में अपनी युक्तियाँ ‘‘एनवायरनमेंट एण्‍ड सस्‍टेनेबिलिटी’’ विषय पर दे सकते हैं।

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