स्टार्टअप्स ने टेंडर के नियमों में ढील देने और कर्मचारियों का कौशल बढ़ाने का सुझाव दिया

जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा द्वारा राज्य का बजट पेश करने से पहले आयोजित एक बैठक में, स्टार्टअप और फिनटेक के संस्थापकों ने सरकार के ‘विकसित राजस्थान-2047’ के विजन को साकार करने के लिए अपने सुझाव और फीडबैक दिए।
अपने एआई-पावर्ड डेटा इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल के जरिए वित्तीय संस्थानों को संपूर्ण कोलैटरल मैनेजमेंट की सुविधा देने वाले एक फिनटेक स्टार्टअप अद्वारिस्‍क के को-फाउंडर्स और सीईओ विशाल शर्मा ने स्टार्टअप द्वारा नियुक्त कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण प्रोत्साहन शुरू करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “प्रशिक्षण प्रोत्साहन का प्रावधान न केवल स्टार्टअप को तेज़ी से आगे बढ़ने में मदद करेगा, बल्कि राजस्थान के युवाओं को भी आगे बढ़ाने में मदद करेगा जो हमारी राज्य अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। राजस्थान में स्टार्ट-अप द्वारा नियुक्त किए गए तकनीकी कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण प्रोत्साहन होना चाहिए। यह प्रोत्साहन स्टार्टअप सेक्टर में कुशल कर्मचारियों के विकास को बढ़ावा देगा।”
इस बैठक के दौरान, राज्य में स्टार्टअप के लिए और अधिक अनुकूल माहौल बनाने पर भी जोर दिया गया। उद्यमियों ने प्रौद्योगिकी पार्क की स्थापना और कम दरों पर ऋण उपलब्ध कराने सहित कई कदम उठाने का सुझाव दिया। उनका मानना है कि इन कदमों से स्टार्टअप का दूसरे राज्यों में पलायन रोकने में भी मदद मिल सकती है।
ब्रेनिन टेक्‍नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और सीईओ सुयोग बोरा ने कहा, “राजस्थान के स्टार्टअप इकोसिस्टम में विकास हो रहा है और लंबे समय तक साझेदारी करके हमारे राज्य में स्टार्टअप को बनाए रखना जरूरी है।”
अतीत में कई स्टार्टअप दूसरे राज्यों में चले गए हैं, भले ही उन्होंने राजस्थान से अपनी यात्रा शुरू की हो। बलवान कृषि के को-फाउंडर शुभम बजाज ने कहा, “हम अपने राज्य में रोजगार और पूंजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए ग्रोथ स्टेज के टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स को रियायती दर पर भूमि आवंटित करने की सलाह देते हैं। इससे ग्रोथ स्टेज में चल रहे तकनीकी स्टार्टअप की दीर्घकालिक साझेदारी और राज्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता हासिल करने में मदद मिलेगी।”
रेवेन्यू सपोर्ट को लेकर स्टार्टअप्स को उम्मीद है कि उनके लिए कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू में बढ़त होनी चाहिए। वर्तमान में, बिना टेंडरिंग के स्टार्टअप्स के लिए वर्क ऑर्डर वैल्यू की सीमा केवल 25 लाख रुपये प्रति वर्क ऑर्डर तक सीमित है। इंडस्ट्री को उम्मीद है कि इस सीमा को बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये प्रति वर्क ऑर्डर किया जाएगा। इसी तरह, उन्हें 25 करोड़ रुपये तक के कॉन्ट्रैक्ट के लिए ठेकेदार/विक्रेता के रूप में और 25 करोड़ रुपये से अधिक के कॉन्ट्रैक्ट के लिए उप-ठेकेदार के रूप में बोली लगाने की अनुमति मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा, संस्थापकों ने ग्रोथ स्टेज स्टार्टअप्स को लोन पर कम ब्याज दरों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। इससे स्टार्टअप्स के विकास और विस्तार के लिए आसानी से पूंजी उपलब्ध होगी।
राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र 3 जुलाई से शुरू होने की संभावना है। इस सत्र के दौरान सरकार राज्य का बजट चर्चा के लिए पेश करेगी।
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बनकर उभरा है, जिसमें 1.25 लाख से ज़्यादा स्टार्टअप और 110 यूनिकॉर्न शामिल हैं। भारत के विकसित राष्ट्र बनने की यात्रा में स्टार्टअप अहम भूमिका निभा रहे हैं। देश के संपूर्ण आर्थिक विकास के लिए स्टार्टअप इकोसिस्टम के विकास को प्रोत्साहन देने की बहुत ज़रूरत है।
राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बजट पूर्व बैठक में स्टार्टअप संस्थापकों ने सुझाव दिया कि सरकार की ओर से वित्तीय सहायता मिलनी चाहिए। इसके साथ ही कौशल विकास पर ध्यान दिया जाना चाहिए तथा राज्य से स्टार्टअप के पलायन को रोकने के लिए आवश्‍यक कदम उठाए जाने चाहिए।

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