विकास और उन्नयन का खाखा तैयार
जयपुर एयरपोर्ट पर बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 6,000 करोड़ रुपये का निवेश निर्धारित । यह निवेश चरणबद्ध तरीके से किया जायेगा।
एक विस्तृत मास्टर प्लानिंग के तहत जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (JIAL) ने एयरपोर्ट की सुरक्षा, यात्री सुविधा और इष्टतम उपयोग के लिए आवश्यक पूंजीगत व्यय की पहचान की ।
इसके तहत एक नया टर्मिनल भवन T3 बनना प्रस्तावित है साथ ही मौजूदा टर्मिनल 1 और टर्मिनल 2 पर नए बुनियादी ढांचे को विकसित किया जाना है। तकि वित्तीय वर्ष 2027 में मौजूदा 5 मिलियन यात्री प्रति वर्ष (MPPA) से 9.8 मिलियन MPPA तक बढ़ती यात्री क्षमता की जरूरतों को पूरा किया जा सके।
एक एकीकृत कार्गो टर्मिनल, नए टैक्सीवे, एप्रन और एक रैपिड एग्जिट टैक्सीवे (आरईटी) भी बनाना प्रस्तावित हैं।
डिजीयात्रा, यात्री वाई-फाई और अन्य आईओटी-आधारित यात्री सुविधाओं जैसी पहल से यात्री अनुभव में वृद्धि होगी और निर्बाध यात्रा संभव होगी
पर्यावरण संतुलन बनाये रखने हेतु इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग, उच्च ग्लोबल वार्मिंग क्षमता (जीडब्ल्यूपी) रेफ्रिजरेंट से कम जीडब्ल्यूपी वाले रेफ्रिजरेटर में बदलाव, और बिचुन में एक मिनी जंगल का विकास आदि प्रस्तावित है
जयपुर:
जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (JIAL) ने जयपुर एयरपोर्ट के विकास और सुविधाओं के विस्तार के लिए एक विस्तृत विकास योजना तैयार की है।
जयपुर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट लिमिटेड ने चरणबद्ध तरीके से बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के विकास के लिए 6,000 करोड़ रुपये का निर्धारण किया हैं। ये निवेश एक विस्तृत मास्टर प्लैन तथा कार्य योजना के तहत होगा।
इस विकास यात्रा में वर्तमान टर्मिनल 1 और टर्मिनल 2 के अलावा एक नया टर्मिनल भवन T3 बनाने की योजना है। वित्त वर्ष 2027 तक जयपुर एयरपोर्ट पर सालाना यात्री भार 9.8 मिलियन पहुंचने की उम्मीद है। नया टर्मिनल भवन बढ़ते यात्री भार को प्रभावित तरीके से संभालने में मदतगार साबित होगा। इसके अलावा टर्मिनल 1 (T1) (जो गैर-परिचालन है) को भी 2024 – 25 में सभी सुविधाओं के साथ शुरू कर दिया जायेगा।
इसके साथ ही टर्मिनल 2 (T2) के नवीनीकरण के कार्य भी तेजी से किया जा रहा है। इसके तहत बेहतर यात्री अनुभव के लिए अतिरिक्त बोर्डिंग गेट, प्रवेश द्वार, अतिरिक्त बैठने की जगह, बैग के तेजी से प्रसंस्करण के लिए बैगेज हैंडलिंग सिस्टम (बीएचएस) की तैनाती और समर्पित पिकअप और ड्रॉप-ऑफ जोन का निर्माण किया जाना सम्मिलित है।
एयरपोर्ट पर कार्गो परिचालन आर्थिक विकास को गति प्रदान करता है। 22,500 मीट्रिक टन की वार्षिक क्षमता वाले इंटीग्रेटेड कार्गो कॉम्प्लेक्स का निर्माण भी प्रस्तावित है जिससे विकास के अवसर बढ़ेंगे।
विकास कार्यों के तहत 5,000 केएल क्षमता वाले फ्यूल (ईंधन) फार्म के निर्माण से विमान के टर्नअराउंड समय में कमी आएगी, जिससे हवाई अड्डे के संचालन में दक्षता आएगी। नए टैक्सीवे और एप्रन के साथ-साथ रैपिड एग्जिट टैक्सीवे (आरईटी) के निर्माण से दक्षता में और वृद्धि होगी जो विमान को कम से कम समय और दूरी में रनवे खाली करने में सक्षम बनाएगी।
यात्री अनुभव को बढ़ाने के लिए डिजीयात्रा, यात्री वाई-फाई और अन्य आईओटी-आधारित परियोजनाओं जैसी पहल की योजना बनाई गई है।
पृष्ठभूमि
हवाई अड्डे का संचालन AAI (भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण) द्वारा अक्टूबर 2021 में 50 वर्षों के कार्यकाल के लिए JIAL (जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड) को सौंप दिया गया था। इसमें मौजूदा परिसंपत्ति का हस्तांतरण और चल रहे पूंजीगत कार्य शामिल हैं।
JIAL को यात्री सुविधा के लिए सर्वोत्तम श्रेणी के सुरक्षा मानकों और सेवाओं का पालन करना अनिवार्य है। तदनुसार, JIAL ने एक मास्टर प्लान बनाया और यात्री सुविधा और सुरक्षा के लिए आवश्यक कुछ पूंजीगत कार्यों की पहचान की।
JIAL ने AERA (एयरपोर्ट इकोनॉमिक रेगुलेटरी अथॉरिटी) को आवश्यक मल्टी टैरिफ संशोधन प्रस्ताव प्रस्तुत किया। AERA ने संबंधित हितधारकों के साथ परामर्श किया और JIAL में परिचालन को प्रभावी ढंग से चलाने के लिए आवश्यक निवेश और व्यय योजना का सत्यापन किया और JIAL के टैरिफ पर निर्णय लिया।