नई दिल्ली, जुलाई 2024- महिन्द्रा युनिवर्सिटी अपने परिसर में 8 से 11 अगस्त, 2024 तक इंटरनेशनल मिडिएशन कॉनक्लेव (आईएमसी) का आयोजन करेगी। यहविशेष रूप से मध्यस्थता को समर्पित पहला अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन है। इस कार्यक्रम में कार्यशालाएं, एक सम्मेलन, एक मध्यस्थता प्रतियोगिता और एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता निबंध प्रतियोगिता शामिल हैं।
लेक्स एरुडाइट्स, भारत और ग्रेस्पेस लॉ एंड पॉलिसी कंसल्टिंग, बेल्जियम के गठबंधन में इस कॉनक्लेव का आयोजन महिन्द्रा युनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ लॉ के डीन डाक्टर बालकिस्त रेड्डी की देखरेख में किया जाएगा। इस आयोजन को एक हाइब्रिड प्रारूप में संपन्न किया जाएगा जिसमें व्यक्तिगत रूप से और ऑनलाइन दोनों ही रूप में भागीदारी की अनुमति होगी। इससे दुनियाभर से पेशेवरों, न्यायाधीशों, अकादमिक क्षेत्र के विशेषज्ञों और विद्यार्थियों की भागीदारी सुनिश्चित होगी। यह कार्यशाला 8 अगस्त, 2024 को सुनिश्चित है जिसका लक्ष्य प्रतिभागियों को संवादात्मक सत्रों और विशेषज्ञों की अगुवाई में परिचर्चाओं के जरिए मध्यस्थता के आवश्यक कौशल से युक्त करना और मध्यस्थता की तकनीकियों और करियर के रास्ते उपलब्ध कराना है।
महिन्द्रा युनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ लॉ के डीन डाक्टर बालकिस्त रेड्डी के मुताबिक, “हम महिन्द्रा युनिवर्सिटी में आईएमसी 2024 के आयोजन को लेकर उत्साहित हैं। यह इंटरनेशनल मिडिएशन कॉनक्लेव 2024 विवाद निस्तारण के लिए एक प्रभावी टूल के तौर पर मध्यस्थता को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगा। हमने प्रतिभाओं का सामने लाने और मध्यस्थता में उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करने के लिए एक प्रतियोगिता रखी है। यह विद्यार्थियों को वास्तविक दुनिया के परिदृश्य में सैद्धांतिक ज्ञान का उपयोग करने का एक अनूठा अवसर उपलब्ध कराएगा और विवाद निस्तारण में प्रभावी करियर के लिए उन्हें तैयार करेगा।”
इन आयोजनों में से एक प्रमुख आयोजन 10-11 अगस्त, 2024 को इंटरनेशनल स्टूडेंट मिडिएशन कंप्टीशन होगा। अनुरूपित परिदृश्य पर आधारित सह मध्यस्थता सत्र में दुनियाभर के विधि के छात्र अपने मध्यस्थता कौशल का प्रदर्शन करेंगे। मिश्रित प्रारूप में होने वाली इस प्रतियोगिता में भारतीय टीमों के लिए व्यक्तिगत रूप से भागीदारी अनिवार्य है। इसका लक्ष्य प्रतिभाओं को बढ़ावा देना, अनूठे मध्यस्थता दृष्टिकोण को बढ़ावा देना और अलग अलग संस्कृति के लोगों के बीच संवाद को बढ़ावा देना है। विजेताओं को कुल 1,00,000 रुपये का नकद पुरस्कर मिलेगा। निबंध प्रतियोगिता में प्रतिभागियों से मध्यस्थता से संबंधित विषयों पर निबंध आमंत्रित किया जाता है जिसमें चयनित निबंधों को एक पुस्तक में प्रकाशित किया जाएगा और विजेताओं को 1,00,000 रुपये नकद पुरस्कार दिए जाएंगे।